Total Pageviews

Wednesday, 14 June 2017

72825 भर्ती में मुन्नाभाई बन गए शिक्षक, फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले 79 शिक्षक हुए बर्खास्त

हरदोई. फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले 79 शिक्षकों को बर्खास्त करने के साथ ही उनके खिलाफ एक साल पहले एफआईआर हो चुकी है। इस मामले की हरदोई पुलिस जांच कर रही है। इसी बीच छिबरामऊ में पकड़े गए जालसाज ने हरदोई के शिक्षा विभाग के लिपिकों का नाम लेकर पूरे मामले को नया मोड़ देने के साथ ही विभाग में खलबली मचा दी है। अभी और भी मुन्ना भाइयों के नौकरी में होने की आशंकाए बलबती हो गई है।

कैसे-कैसे खेल, किससे-किससे मेल

इसे विभागीय जिम्मेदारों का खेल ही कहा जाएगा कि बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती में मुन्ना भाई नौकरी पाने में कामयाब हो गए जिसमें 79 शिक्षकों की बर्खास्तगी हो चुकी है। अगर पिछले दो-तीन वर्षो में हुई शिक्षकों एवं अनुदेशकों आदि की भर्ती के शत प्रतिशत सत्यापन उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से करा दिया तो और भी मुन्ना भाई सामने आ सकते है। जैसा जिस तरह से भर्ती में कुछ प्रमाणपत्र फर्जी लगाए जाने का खुलासा हुआ है उससे साफ है कि मामला कई खास लोगों से जुड़ा हो सकता है।

सत्यापन को लेकर उठते रहे सवाल

जिले में होने वाली शिक्षकों आदि की भर्ती में जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने से लेकर सत्यापन एवं बर्खास्तगी की कहानी किसी स्वप्र सरीखी सी लगती है। आज तक इस मामले को लेकर किसी विभागीय जिम्मेदार पर कार्यवाही नहीं हुई कि संचार क्रांति के इस युग में जब ज्यादातर शैक्षिक संस्थान ऑनलाइन है तो फिर मुन्ना भाई कैसे नौकरी पा जाते हैं।मामले में विभागीय लोगों की संलिप्ता को लेकर भी समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं।

डायट और विभाग में खूब हुई थी तनातनी

शिक्षक भर्ती में नियुक्ति से लेकर स्कूल आवंटन के मामले में करीब दो साल पहले जिला प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और बेसिक शिक्षा विभाग में खूब तनातनी रही। तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एक-दूसरे को लेकर खूब शब्दबाण चलाने के साथ पत्राचार भी किया। कभी शिक्षकों की काउंसलिग कराए जाने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग पर सवाल उठाए जाते रहे, तो कभी प्रथम सत्यापन कराए जाने को लेकर डायट पर निशाना साधा जाता रहा। इस पूरे मामले में एक बात साफ है कि बिना उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच हुए यह स्पष्ट कैसे हो सकेगा कि खेल के मेल में आखिर कभी अच्छे रहे रिश्ते फेल क्यों हुए और क्यों मुन्ना भाई नौकरी पाने में कामयाब होते रहे। एक साल पहले सत्यापन में फर्जी पाए गए 79 टीचरों को बर्खास्त करने के साथ ही एफआईआर हो चुकी है मगर पुलिस की जांच मुन्ना भाइयों के इर्दगिर्द घूमती रही। छिबरामऊ (कन्नौज) पुलिस की गिरफ्त में आये शातिर देवेंद्र के इकबालिया बयान के बाद अब हरदोई पुलिस को भी जांच का दायरा बढ़ाने का रास्ता मिल गया है।

Friday, 26 May 2017

Basic Shiksha बेसिक शिक्षा की गंभीर स्थिति पर हाईकोर्ट संजीदा


पूछा सवाल

विधि संवाददाता, लखनऊ : हाईकोर्ट ने प्रदेश मे बेसिक शिक्षा के स्तर पर गंभीर चिंता जतायी है। कोर्ट ने कहा कि हालत यह है कि कोई भी संपन्न व्यक्ति अपने बच्चों को प्राइमरी पाठशालाओं में नहीं पढ़ाना चाहता है।

कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर ऐसा क्यों है, जबकि बेसिक शिक्षा पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च किया जा रहा है। कोर्ट ने शिक्षा का अधिकार कानून के अनुपालन के संबंध में राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी को पूरी तरह अस्पष्ट और असंतोषजनक बताया है। सरकार की ओर से दिये गए जवाब में शिक्षा के अधिकार कानून के अनुपालन के बारे में उठाये गए कदमों की जानकारी दी गई थी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की खंडपीठ ने नूतन ठाकुर की जनहित याचिका पर दिया। याचिका पर जवाब देते हुए मुख्य सचिव राहुल भटनागर व अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया। न्यायालय ने हलफनामे में दी गई जानकारी को अस्पष्ट और असंतोषजनक करार दिया।

न्यायालय ने कहा कि इनमें उन विद्यालयों का विवरण नहीं है जहां कोई ऐसा सुधार हुआ हो कि निचले पायदान से आने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके जैसी अमीर व उच्च वर्ग के बच्चों को मिलती है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 30 मई को तय करते हुए कहा कि हमें ऐसे स्कूलों व लाभार्थियों का विवरण जानने की आवश्यकता है जहां उक्त सुधार हुए हों।’

करोड़ों खर्च के बावजूद क्यों नहीं प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना चाहते

राज्य सरकार के जवाब को अस्पष्ट और असंतोषजनक बताया

पंचायत राज विभाग के सफाई कर्मचारी करेंगे स्कूल साफ, शिक्षकों पर सफाई की बाध्यता नहीं

अलीगढ़ : स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में जिला पंचायत राज विभाग के सफाईकर्मी सफाई करेंगे। शासन की ओर से इस योजना पर मुहर लगाई गई है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जुलाई से स्कूल खुलने पर ये प्रक्रिया स्कूलों में लागू होगी।

बच्चों को स्वस्थ्य व स्वच्छ माहौल में शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिलेगा। पूर्व में कई बार निरीक्षण के दौरान स्कूल में गंदगी मिलने पर शिक्षकों पर कार्रवाई की गई। इस पर शिक्षकों ने सफाईकर्मी के न आने का हवाला देते हुए कार्रवाई का विरोध किया था। इसके साथ ही शिक्षक भी सप्ताह में हर शनिवार को सफाई की स्वैच्छिक जिम्मेदारी ले सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार के अभियान के तहत शिक्षकों ने भी सफाई की शपथ ली है। जिले के करीब 2509 स्कूलों में लगभग 7751 शिक्षक-शिक्षिकाएं पढ़ाते हैं। इसमें 1774 प्राइमरी व 735 जूनियर हाईस्कूल हैं। अगर सप्ताह में एक दिन भी शिक्षक इस काम में जुट जाएं तो सरकारी स्कूलों की दशा सुधर सकती है।

सरकारी स्कूलों में पंचायत राज विभाग के सफाईकर्मी सफाई करेंगे, यह तय हो गया है। शिक्षकों पर बाध्यता नहीं है। शपथ लेने वाले शिक्षक एक दिन सफाई में श्रमदान कर सकते हैं।
गिरजेश चौधरी, एडी बेसिक

अलीगढ़ : सभी राजकीय इंटर कॉलेज व वित्तपोषित कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे व बायोमीटिक मशीन लगाना जरूरी हो गया है। शासन ने इन प्रक्रियाओं को 25 जुलाई तक अमल में लाने को कहा है। जिले में 94 एडेड कॉलेज व 28 राजकीय विद्यालय हैं। नौरंगीलाल राजकीय इंटर कॉलेज में 24 कैमरे लगाए जाएंगे। प्रधानाचार्य शीलेंद्र यादव ने बताया कि कॉलेज में 20 कक्षाओं, कार्यालय के फ्रंट, स्टाफ हॉल, बाबुओं के कार्यालय व मेन गेट पर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा बायोमीटिक मशीन भी लगाई जाएगी। बताया कि जेडी अजय कुमार द्विवेदी ने सभी कॉलेज संचालकों को 25 जुलाई तक ये प्रक्रिया अमल में लाने के लिए निर्देशित किया है।

यूपी: प्राइमरी-जूनियर के टीचरों के लिए खुशखबरी, जानें क्या

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के 5.35 लाख शिक्षकों को अप्रैल महीने से सातवें वेतन आयोग के अनुसार बढ़ी तनख्वाह मिलेगी। बढ़ा वेतन देने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर में डाटा फीडिंग और फिक्सेशन का काम शुरू हो गया है। अलग-अलग स्लैब के अनुसार वेतन पा रहे शिक्षकों को 5733 से लेकर 13674 रुपये की वृद्धि मिलेगी।

केंद्र सरकार की ओर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 दिसंबर 2016 को अपने कर्मचारियों को इसका लाभ देने का शासनादेश जारी किया। सातवें वेतन आयोग का लाभ एक जनवरी 2016 से मिलना है। लिहाजा जनवरी से दिसंबर 2016 तक के एरियर का भुगतान दो किस्तों में वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 में करने की व्यवस्था की गई थी।

हालांकि आयोग की संस्तुतियों के अनुसार संशोधित वेतन की गणना के लिए साफ्टवेयर तैयार होने में देरी के कारण शिक्षकों को बढ़ा वेतन पाने में जनवरी से मार्च तक तीन महीने और इंतजार करना पड़ गया। सूत्रों के अनुसार, इस तीन महीने का एरियर बजट की उपलब्धता के अनुसार मिलेगा। वित्त नियंत्रक (बेसिक) मणिशंकर पांडेय ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार भुगतान के लिए जिलों में फीडिंग का काम शुरू हो गया है।


इनका कहना है, इलाहाबाद जिले के तकरीबन 13.5 हजार परिषदीय शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने के लिए कम्प्यूटर में फीडिंग और फिक्सेशन काम चल रहा है। इस महीने के अंत तक शिक्षकों के खाते में बढ़ी हुई तनख्वाह पहुंच जाएगी। विमलेश यादव, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग

यूपी: प्राइमरी-जूनियर के टीचरों के लिए खुशखबरी, जानें क्या

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के 5.35 लाख शिक्षकों को अप्रैल महीने से सातवें वेतन आयोग के अनुसार बढ़ी तनख्वाह मिलेगी। बढ़ा वेतन देने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर में डाटा फीडिंग और फिक्सेशन का काम शुरू हो गया है। अलग-अलग स्लैब के अनुसार वेतन पा रहे शिक्षकों को 5733 से लेकर 13674 रुपये की वृद्धि मिलेगी।

Primary Ka Master अब प्राइमरी शिक्षकों को रखना होगा आईकार्ड, शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए पहचान पत्र रखना होगा अनिवार्य


इलाहाबाद। जुलाई से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र से प्राइमरी स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। पहचान पत्र पर इनकी फोटो लगी रहेगी और आधार नंबर, ब्लड ग्रुप तथा तैनाती स्थल सहित अन्य ब्योरा दर्ज होगा। बीएसए हरिकेश यादव ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों से आईकार्ड 
तैयार करने के लिए शिक्षकों का ब्योरा मांगा है ताकि जुलाई से पूर्व सभी के आईकार्ड तैयार कर लिए जाएं। बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को मुफ्त ड्रेस वितरण के लिए विद्यार्थियों की नाप तैयार करने को भी कहा है ताकि बजट आते ही ड्रेस तैयार कर वितरित कर दिए जाएं। बीएसए ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों के मानदेय का भुगतान करने का आदेश भी जारी किया है।

Primary Ka Master कोड से होगी परिषदीय शिक्षकों की पहचान


राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षक परिषद के विद्यालयों में तैनात कौन सा शिक्षक, शिक्षणोत्तर कर्मचारी या शिक्षामित्र कहां तैनात है। उसका चुटकी बजाते पता चल जाएगा। किस जिले में कितने शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है या उनका तबादला एक से दूसरे स्कूल में होता है तो उनकी अब पहचान बेहद आसानी से होगी। यह सब संभव हो सकेगा कंप्यूटर की माउस की एक क्लिक से। शासन के निर्देश पर परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद और इन पदों के सापेक्ष तैनात हर शिक्षक, शिक्षणोत्तर कर्मचारी और शिक्षामित्र को अलग-अलग कोड आवंटित होना है। उसे वेबसाइट पर प्रदर्शित भी किया जाएगा। यह व्यवस्था बेहतर शैक्षिक व वित्तीय नियोजन तथा तबादलों में पारदर्शिता लाने के लिए हो रही है। यही नहीं कुछ बरस पहले बेसिक शिक्षा सचिव आशीष गोयल ने इस दिशा में कदम बढ़ाया था, लेकिन प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ रही है। मानव संसाधन प्रबंध प्रणाली के तहत शिक्षकों को कोड देने की व्यवस्था पहली बार शुरू हो रही है। प्रदेश भर के जिलों में कार्मिक विवरण की फीडिंग शुरू हो चुकी है, परिषद सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांग रहा है। शिक्षकों को मिलने वाले कोड में उससे जुड़ी सभी जानकारियां रहेंगी। बुधवार को बेसिक शिक्षा परिषद में सचिव ने विभिन्न जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक करके कार्य की समीक्षा की। इसमें इंप्लाइ कोड तैयार करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। कोड को तैयार करने के लिए आवश्यक टीचर्स के संबंध में सभी जानकारियों को परिषद कार्यालय में उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिए गए। जिससे इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए इंप्लाइ कोड जल्द एलाट किया जा सके।

एनआइसी तैयार करेगा कोड : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात शिक्षकों का इंप्लाई कोड तैयार कराने के लिए एनआइसी को जिम्मेदारी दी गई है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने बताया कि सभी जिलों की डिटेल प्राप्त होने के बाद योजना बनेगी।

ऐसा हो सकता है कोड

इसके तहत विद्यालय कोड 11 अंकों का हो सकता है। पहले दो अंक (01 से 75 तक) जिले के लिए होंगे। तीसरा अंक नगर क्षेत्र (1), अन्य नगर क्षेत्र (2) व ग्रामीण क्षेत्र (3) के लिए होगा। चौथा व पांचवां अंक ब्लाक/नगर क्षेत्र के लिए (01 से 23 तक या उनकी संख्या के अनुसार) होगा। छठां व सातवां अंक ग्राम पंचायत/वार्ड के लिए (01 से 20 तक या उनकी संख्यानुसार) होगा। आठवां व नौवां अंक स्कूल के प्रकार के लिए (01 से 11 तक) होगा। अंतिम दो अंक (01 से 10 तक या स्कूलों की संख्या के अनुसार) ग्राम पंचायत/वार्ड के अंदर स्कूलों की संख्या तय करने के लिए होंगे। पद का कोड 13 अंकों का होगा। पहले 11 अंक स्कूल के कोड के समान होंगे। आखिरी दो अंक पद से संबंधित होंगे, जिसमें 01 से 10 तक की संख्या प्रधानाध्यापक के लिए, 11 से 80 की संख्या अध्यापकों के लिए, 81 से 90 की संख्या चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए तथा 91 से 99 की संख्या शिक्षामित्र के लिए निर्धारित होगी।

Basic Shiksa Parisad बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की बैठक सम्पन्न, मीटिंग में परिषद और शासन की महत्वपूर्ण 12 निर्णय पर बनी सहमति, जाने किसपे बनी सहमति


1, कक्षा 1से 3 तक की किताबों में किया गया संशोधन किया पारित।
2, अब बी0 टी0 सी0 के स्थान पर होगी डी0 एल0 एड0 जो सम्पूर्ण देश में एक जैसा होगा।
3, डेंगू की रोक थाम हेतु पाठ्यक्रम में किया शामिल विज्ञान में।
4, स्थानांतरण कमेटी में जिला अधिकारी के स्थान पर डायट प्राचार्य या A D होंगे अध्यक्ष प्रस्ताव पास जिलाधिकारी बाहर।
5, समायोजन में हटाया जाएगा कनिष्ठ शिक्षक प्रस्ताव पारित।
6, जनपद में विद्यालयों को बांटा जाएगा तीन ज़ोन में।
7, अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण होंगे जुलाई में।
8, 7 जुलाई से 20 जुलाई तक किये जायेंगे ओन लाइन आवेदन।वरिष्ठ को मिलेगी बरीयता पुनः तीन साल पर ही होंगे स्थानांतरण।15 साल का प्रस्ताव खारिज।तीन जिलों का लिया जाएगा विकल्प। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में शासन न करे हस्तक्षेप यह परिषद का अधिकार।
9, परिषदीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति होगी परफार्मेंस के आधार पर।
10, बेसिक शिक्षा परिषद एवम वित्त नियंत्रक कार्यालय हेतु 25000 के स्थान पर 50000,50000 की स्वीकृति।
11,वही पर अथितियों के ऊपर 300 के स्थान पर कर सकेंगे सचिव 1000 रुपये ब्यय।
12,स्कूल ड्रेस की एक साथ पूरी धनराशि भेजने का।तथा धनराशि बढ़ाये जाने का भी प्रस्ताव पारित। कानूनगो लेखपाल के निरीक्षणों पर रोक का भी प्रस्ताव पारित।
इसके अतिरिक्त अन्य प्रस्ताव जो दिए गए उन विचार किया जाएगा

सातवां वेतन आयोग का जून में मिलेगा बढ़ा हुआ भत्ता

लखनऊ। केंद्रीय कर्मचारियों को जून में उनका बढ़ा हुआ भत्ता मिल सकता है। आगामी एक जून को भत्तों पर लवासा कमेटी की सिफारिशों पर कैबिनेट सेकेरेट्री की अध्य्क्षता में सचिवों की हाई पावर कमेटी की बैठक होनी है। बैठक में सिफारिशों पर विचार के बाद इसे लागू किया जाएगा तथा आगे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति में मकान किराया (HRA) एवं अन्य भत्तों पर लवासा कमिटी की रिपोर्ट चर्चा की जाएगी।

बढ़ें हुए भत्ते कब से मिलने शुरू होंगे इस पर वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अनुसार, जून में सरकारी कर्मचारियों को बढ़े हुए भत्तों पर फैसला हो जाएगा आैर उनको जून से बढ़े हुए भत्ते मिलने शुरू हो सकते हैं। वहीं अगर एरियर की बात की जाए तो यह फैसला कैबिनेट में लिया जाएगा कि एरियर एक साथ दें या किश्तों में।
भत्ताें पर गठित अशोक लवासा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को अप्रैल के अंत में सौंप दी थी। सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने रिपोर्ट में हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) को 28, 18 आैर 10 फीसदी रखने की सिफारिश की है, मगर रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा एचआर की दरें भी तर्कसंगत हैं। अगर सरकार चाहे तो इन पर गौर किया जा सकता है। इसके अलावा लवासा कमेटी ने 196 भत्तों में से 52 को पूरी तरह समाप्त करने और 36 भत्तों को अन्य बड़े भत्तों में समाहित करने के सुझाव का समर्थन किया है।


एचआरए बेसिक सैलरी के आधार पर मिलता है। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में क्लास X शहर के लिए 24 फीसदी, क्लास Y के लिए 16 आैर क्लास Z के लिए 8 फीसदी एचआर देने की सिफारिश की थी। इसका केंद्रीय कर्मचारियों ने जोरदार विरोध किया था, तब सरकार ने लवाला कमिटी का गठन किया था। इस कमेटी को अक्टूबर 2016 में अपनी रिपोर्ट देनी थी। मगर उसने अप्रैल 2017 के अंत में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी।

Tuesday, 23 May 2017

माध्यमिक शिक्षकों का तबादला आदेश जल्द,अब राजकीय व अशासकीय शिक्षकों को ऑनलाइन करना होगा आवेदन

इलाहाबाद : प्रदेश के माध्यमिक कालेजों के शिक्षक जल्द ही मनमाफिक तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने ऑनलाइन तबादले का साफ्टवेयर तैयार करा लिया है। स्कूलों में गर्मी की छुट्टी का अवकाश होने व यूपी बोर्ड परीक्षा का परिणाम भी लगभग तैयार है। ऐसे में अब शिक्षकों को तबादले का मौका मिलेगा। इसमें महिला, विकलांग, वरिष्ठ शिक्षक व दंपती के सरकारी सेवा में होने का लाभ 
मिलेगा।


प्रदेश का अशासकीय माध्यमिक विद्यालय हो या राजकीय हाईस्कूल व इंटर कालेज वहां के शिक्षकों को तबादला कराने के लिए तरह-तरह के जतन करने पड़ते