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Tuesday 30 December 2014

प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया फंसी

तैंतालिस जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की लापरवाही से 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया फंस गई है। ऐसे में एनआइसी को पात्रों की सूची भेजकर ऑनलाइन नामों का मिलान कराने के काम में विलंब होने की आशंका है।
एनआइसी से पुष्टि होने के बाद जिलेवार प्रशिक्षु शिक्षकों के पात्रों की सूची भेजते हुए नियुक्ति पत्र देने का निर्देश दिया जाएगा।
गौरतलब है कि

Monday 29 December 2014

ज्वाइनिंग के लिए मिलेगा एक हफ्ता

इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता
72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए पात्र अभ्यथियों को नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद ज्वाइनिंग के लिए सिफ एक हफ्ते का समय दिया जाएगा। इसे किसी भी दशा में बढ़ाया नहीं जाएगा। एससीईआरटी निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने डायट प्राचार्यों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल नियुक्ति पत्र जारी

Sunday 28 December 2014

प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया में शासन ने दिखाई तेजी

मैनपुरी, भोगांव: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्रदेश सरकार को तय समय के अंदर प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया को खत्म करने के निर्देश के बाद शासन ने तेजी दिखाई है। जनवरी में इस प्रक्रिया से जुडे़ आवेदकों को शिक्षक बनाने के लिए शासन ने डायटों से पत्राचार तेज कर दिया है। तीन चरण की काउंसिलिंग में भाग ले चुके

Saturday 27 December 2014

UGC NET: डॉक्यूमेंट्स साथ ले जाएं तो दे सकेंगे परीक्षा

अमर उजाला, लखनऊ

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा रविवार को होनी है। करीब साढ़े तीन हजार अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके फॉर्म अधूरे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों को एक और मौका दिया गया है।

वे परीक्षा केंद्र पर अपने छूटे हुए डॉक्यूमेंट्स लेकर पहुंचेंगे, वहां वेरिफिकेशन के बाद

15 हजार शिक्षक भर्ती आयु में संशोधन

प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आयुसीमा में संशोधन कर दिया गया है। अब आवेदकों की आयु की गणना एक जुलाई 2014 के आधार पर होगी।
एक आवेदन फीस पर सभी जिलों की काउंसिलिंग में शामिल होने की बात भी साफ कर दी गई है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने शुक्रवार को विज्ञप्ति में संशोधन कर दिया।24 दिसम्बर से शुरू हुए ऑनलाइन आवेदन की वेबसाइट पर

अफसर देर न करते तो आबाद हो जाते 72,825 परिवार

साल 2014 भी बेरोजगारों के लिए निराशा भरा रहा। शिक्षक बनने के लिए तीन साल से दौड़ लगा रहे पढ़े-लिखे युवाओं को सरकारी मशीनरी की गलती के कारण सड़क की धूल फांकनी पड़ रही है। यदि अफसर देर न करते तो 72,825 परिवार गए साल आबाद हो जाते। नतीजा यह है कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून लागू हुए साढ़े तीन साल

Thursday 25 December 2014

Good News. Niyukti Patra 31 January Tak De Diye Jayenge

News Amar ujala...
Kanpur। प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति हर हाल में 31 जनवरी तक कर ली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने जा रही है। नियुक्ति पत्र मिलने के एक हफ्ते के अंदर जॉइन करना होगा। इसके लिए संबंधित जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मूल प्रमाण पत्रों को जमा करना होगा। यहां प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण अवधि तक मानदेय दिया जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में चल रही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया छह सप्ताह के अंदर पूरी करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।

काउंसलिंग कार्यक्रम में फेरबदल नही...ं
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता कहते हैं कि प्रशिक्षु शिक्षक में अगले चरण की काउंसलिंग 2 जनवरी से प्रस्तावित है इसमें फिलहाल अभी कोई फेरबदल नहीं किया गया है। एससीईआरटी को निर्देश दिया गया है कि शेष बचे पदों के लिए सामान्य वर्ग को 105 और आरक्षित वर्ग को 97 अंक पर पात्र मानते हुए मेरिट जारी करते हुए काउंसलिंग कराई जाए।

जहां-जहां पात्र होंगे, वहां-वहां के लिए मिलेगी नियुक्ति...
सचिव बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में निर्णय हुआ कि अभ्यर्थी जिन जिलों में पात्र होगा, उसे वहां का नियुक्ति पत्र मिलेगा। जैसे यदि कोई अभ्यर्थी 10 जिलों में पात्र है तो उसे उन सभी जिलों से प्रशिक्षु शिक्षक का नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। हालाकि उसे एक हफ्ते के भीतर किसी एक जिलों में जॉइन करना होगा।

ऑनलाइन संशोधन अब कल तक...
एससीईआरटी ने प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए काउंसलिंग के बाद रिक्त पदों और औपबंधिक काउंसलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों में ऑनलाइन संशोधन की तिथि 26 दिसंबर तक कर दी है। डायट प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि इस अवधि तक यदि संशोधन नहीं हो पाता है तो एक्सल फार्मेट पर पूरा ब्यौरा एससीईआरटी को उपलब्ध कराना होगा।
खाली पदों का एकत्रित होगा ब्यौरा
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बताया कि प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में एक-एक अभ्यर्थियों ने कई-कई जिलों में आवेदन कर रखा है। इसलिए टॉप मेरिट वालों का अमूमन सभी जिलों में चयन होना स्वाभाविक है। ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के बाद एक सप्ताह में जॉइन करने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद ऐसे अभ्यर्थियों से पद खाली होने के बाद वरीयताक्रम में दूसरे नंबर पर आने वाले को मौका दिया जाएगा।

टॉप मेरिट वालों को मिलेगा मौका...
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में अब तक की हुई काउंसलिंग में सबसे पहले टॉप मेरिट वालों को मौका दिया जाएगा। उदाहरण के लिए सामान्य में 105 और आरक्षित वर्ग में 97 अंक से जिनके सबसे ज्यादा अंक होंगे उसे पहले प्रशिक्षु शिक्षक का नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। जॉइनिंग के बाद पद रिक्त होने पर टॉप मेरिट में दूसरे नंबर पर आने वालों को प्रशिक्षु शिक्षक का नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।

Tuesday 23 December 2014

Hon. Supreme Court, आदेश का हिन्दी अनुवाद

आदेश का हिन्दी अनुवाद:

सुनवाई के दौरान, हमें लगता है कि एक अन्तरिम आदेश जारी करना उचित है, जिसके द्वारा रिक्त पद भरे जा सकेंगे और उत्तरप्रदेश में विद्यालयी शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा/में अनावश्यक विलम्ब नहीं होगा ।
यह उल्लेखनीय है कि इस कोर्ट ने २५ मार्च २०१४ को निम्न आदेश पारित किये थे –

इस अंतरिम आदेश के द्वारा, हम उत्तर प्रदेश की सरकार को ३०.११.२०११ को जारी विज्ञापन के अनुसार स्कूलों में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों को हर हाल में १२ सप्ताह के भीतर जितनी भी जल्दी हो सके, उसी प्रकार भरने के लिये निर्देश देते हैं जैसे कि शिव कुमार पाठक और अन्य और इससे जुडे हुए मामलों पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा निर्देश जारी किये गए थे।

इसके अलावा, सफल अभ्यर्थियों को जारी किया गया नियुक्ति पत्र में यह उल्लेख होगा कि उनकी नियुक्ति उस सिविल अपील के परिणाम के अधीन होगा जो कि इस न्यायालय के समक्ष लम्बित है। नियुक्त व्यक्ति सिविल अपीलों के अंतिम निपटान के समय किसी भी तरह के समानता या लाभ का दावा नहीं करेगा। राज्य सरकार के सभीं कार्य/कार्यवाहियॉं इन सिविल अपीलों के अंतिम परिणाम के अधीन होंगी।
उक्त आदेश के बावजूद राज्य ने नियुक्ति प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया है।

विभिन्न अवसरों पर पार्टियों के लिये विद्वान वकीलों को सुनने के बाद हमारी धारणा/रूझान२५ मार्च २०१४ के आदेश को संशोधित करने की है (या हम २५ मार्च २०१४ को पारित आदेश को संशोधित करने के लिए इच्छुक है) और निर्देश देते हैं कि राज्य सरकार को उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति करे जिनके नाम कदाचार में से समाप्त नहीं किया गया है और साथ ही वे शिक्षक पात्रता परीक्षा में सत्तर प्रतिशत अंक प्राप्त है। अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य‍ पिछडे वर्गों और शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों से संबंधित उम्मीदवारों ने यदि ६५ प्रतशित अंक प्राप्त किया है तो उन्हें नियुक्त किया जाए। यदि आरक्षण के उद्देश्य से किसी अन्य वर्गीकरण से युक्त राज्य सरकार की कोई नीति है, तो वह नीति इसी प्रतिशत के साथ/उसी अनुपात में प्रभावी की जा सकती है।

नियुक्ति पत्र में यह भी उल्लेख किया जाए कि उनकी नियुक्ति इन अपीलों के परिणाम के अधीन होगी और, यह नियुक्तिपत्र इस कोर्ट द्वारा पारित निर्देश के आधार पर जारी हुआ है ऐसा ख्याल करके या इस वजह से वे नियुक्ति के आधार पर किसी भी लाभ का दावा नहीं करेंगे। नियुक्ति का पत्र छह सप्ताह की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा।

इस समय, हम यह अवश्य कहते हैं कि विज्ञापन सहायक अध्यापकों के 72825 रिक्त पदों को भरने के लिये जारी किया गया था, जिन्हें कक्षा एक से पॉंच तक के छात्रों को शिक्षा देना है। हमें उत्तरदाताओं के विद्वान वकीलों द्वारा यह बताया जा चुका है कि आज की स्थिति के अनुसार तीन लाख पद खाली पडे हैं। इस संदर्भ में हमें बच्चों के मुफत और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनिमय २००९ के उद्देश्य और कारणों की संक्षेप में पुनराव़त्ति अवश्य करनी होगी।

सभीं के लिये समान अवसर के प्रावधान के माध्यम से लोकतंत्र के सामाजिक ताने बाने को मजबूत बनाने के लिए सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा की निर्णायक भूमिका हमारे गणतंत्र की स्थापना के बाद से स्वीकार कर लिया गया है। हमारे संविधान में प्रगणित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार राज्य को चौदह वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा। विभिन्न वर्षों में देश में प्राथमिक विद्यालयों का महत्वपूर्ण स्थानिक और संख्यात्मक विस्तार किया गया है, फिर भी सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्य को अभीं भी हम ठीक से समझ नहीं सके है।

1.    बहुत से बच्चे, विशेष रूप से वंचित समूहों और कमजोर वर्गों के बच्चे जो प्राथमिक शिक्षा पूर्ण करने से पहले स्कूल जाना छोड देते हैं, उनकी संख्या आज भी बहुत अधिक बनी हुई है।
2.    इसके अलावा, जो कुछ भी सीखा जाता है उसकी गुणवत्ता भी हमेंशा पूर्ण रूप से संतोषजनक नहीं है, उन बच्चों के मामले में भी जो पूरी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करते हैं।
3.    अनुच्छेद २१ ए, जो कि संविधान में 86वें संशोधन अधिनियम २००२, द्वारा शामिल किया गया, के अनुसार, एक मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है, उस प्रकार से जैसा कि राज्य कानून द्वारा निर्धारित कर सकती है।
4.    परिणामतह, बच्चों का निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार विधेयक, 2008 , पारित करने के लिये प्रस्तावित किया गया, जो निम्न प्रावधान चाहता है –

(
क) हर बच्चे का अधिकार है कि उसे किसी औपचारिक स्कूल में संतोषजनक और न्यायसंगत गुणवत्ता युक्त पूर्णकालिक प्राथमिक शिक्षा प्रदान किया जाय, और उस शिक्षा में कुछ बुनियादी मानदंड और मानक अवश्यत शामिल हों;

(
ख) 'अनिवार्य शिक्षा' प्राथमिक शिक्षा हेतु कक्षा में प्रवेश, कक्षा में उपस्थिति और छात्रों द्वारा प्राथमिक शिक्षा पूर्ण किये जाने के लिये उससे संबंधित सरकार पर दायित्व/कर्तव्य डालती है।

(
ग) 'मुफ्त शिक्षा' का अर्थ है कि कोई भी बालक किसी भी तरह का ऐसा शुल्क या फीस या खर्च देने के लिये कानूनन बाध्य नहीं होगा जो कि उसे प्राथमिक शिक्षा जारी रखने के लिये या पूरी करने से रोकता हो, हालॉंकि जो बच्चा अपने माता या पिता द्वारा किसी ऐसे स्कूल में प्रवेश दिलाया जाता है, जिसे सरकार द्वारा मदद नहीं मिल रही हो या जो सरकार द्वारा नहीं चलाया जा रहा हो, वहॉं यह मुफ्त शिक्षा का नियम लागू नहीं होगा।

(
घ) मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने में संबंधित सरकारों, स्थानीय अधिकारियों, अभिभावकों, स्कूलों और शिक्षकों के कर्तव्य और जिम्मेदारियां तथा 0. बच्चों के अधिकार की सुरक्षा के लिए एक प्रणाली और एक विकेन्द्रीक्रित शिकायत निवारक यन्त्रावली/प्रणाली होनी चाहिये।

प्रस्तावित कानून इस विश्वास के सहारे है कि समानता, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के नैतिक मूल्य और एक न्यायसंगत और मानवीय समाज की रचना को केवल और केवल सभी के लिए समावेशी प्राथमिक शिक्षा के प्रावधान के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इस कानून में वंचित और कमजोर वर्गों के बच्चों को संतोषजनक गुणवत्ता युक्त मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है, इसलिए, यह न केवल संबंधित सरकारों द्वारा समर्थित या चलाए जा रहे स्कूलों की जिम्मेदारी है वरन् उन स्कूरलों की भी जिम्मेंदारी है जो सरकारी कोषों पर आश्रित नहीं हैं।

प्राथमिक शिक्षा को किसी बच्चे के प्राथमिक स्वास्थ्य की तरह माना जा सकता है। जब एक बच्चा शिक्षित होता है तो राष्ट्र शिक्षित और सभ्य बनने के मार्ग पर अग्रसर होता है। कोई भी छात्र बिना मार्गदर्शन के अच्छी तरह शिक्षा नहीं प्राप्त कर सकता। राज्य को सभी नागरिकों के अभिभावक के रूप में और बच्चों के लिये बढे हुए उतरदायित्वों के साथ इस बात के लिये एक पवित्र कर्तव्य रखना चाहिये कि बच्चे शिक्षित हों। लगभग दो हजार साल पहले कौटिल्य ने कहा था कि जो मातापिता अपने बच्चों को पढने नहीं भेंजते उन्हें दण्डित किया जाना चाहिये। लगभग सात शताब्दियों पूर्व ऐसा ही इंगलैंड में भी था। इस प्रकार शिक्षा के महत्व को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है।

ऐसी स्थिति में, हम यह नहीं मान सकते कि पद खाली रहें, छात्र न पढें और स्कूल इस तरह के हों जैसे कि किसी रेगिस्तान में कोई ऐसी बंजर भूमि हो जो कि हरा भरा मरूद्यान बनने के लिये काफी समय से इंतजार कर रही हो। शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में बंजर भूमि को हरे भरे मरूद्यान बनाने जैसा कार्य करेंगे। अतह उपरोक्त निर्देश दिये गए हैं।

सक्षम प्राधिकारी आज्ञापालन/अनुपालन रिपोर्ट फ़ाइल करेगा, जिसमें नाकाम रहने पर उन्हें कानून के अनुसार नतीजों का सामना करना होगा और कानून न्यायालय के आदेशों की अवज्ञा का समर्थन नहीं करता है। मामले की अगली सुनवाई के लिये २५ फरवरी २०१५के लिये सूचीबद्ध किया जाता है।


(
कोर्ट मास्टर चेतन कुमार और एच एस पराशर)

Friday 19 December 2014

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में 70 व 65 फीसदी से कम अंक वालों पर खतरा

News साभार अमर उजाला: लखनऊ। सुप्रीमकोर्ट का ताजा आदेश आने के बाद प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक बनने के लिए कम अंक वालों की राह जहां कठिन हुई है, वहीं 70 65 फीसदी से कम अंक पर भी काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल होने का मौका पाने वालों पर खतरा मंडरा रहा है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने कहा है कि प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती 72,825 पदों पर ही की जाएगी। साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 25 फरवरी 2015 तक पूरी कर ली जाएगी। सामान्य वर्ग के 70 व आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी टीईटी में 65 फीसदी अंक पर ही पात्र होंगे। इससे कम अंक वालों को प्रशिक्षु शिक्षक नहीं बनाया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर शुरू की थी। इसमें अब तक तीन चरणों की काउंसिलिंग में 78 फीसदी पदों के लिए अभ्यर्थियों को पात्र पाया जा चुका है और चौथे चरण की काउंसिलिंग 2 से 12 जनवरी प्रस्तावित है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश आ गया है कि प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में सामान्य वर्ग को टीईटी में 70 व आरक्षित वर्ग को 65 फीसदी अंक पर पात्र मानते हुए भर्ती प्रक्रिया 25 फरवरी तक पूरी की जाए। सचिव बेसिक शिक्षा ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह व बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा के साथ बैठक कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंथन किया।

58 हजार शिक्षामित्रों के लिए हुआ बड़ा फैसला!

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नौकरी पा चुके 58 हजार शिक्षामित्रों को वेतन जारी करने की राह आसान हो गई है। बुधवार को यूपी बोर्ड सचिव अमर नाथ वर्मा की अध्यक्षता में सभी क्षेत्रीय सचिवों की हुई बैठक में तय किया गया कि शिक्षामित्रों के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट प्रमाण पत्रों का सत्यापन 10 दिन के भीतर पूरा करके संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारियों के पास भेज दिया जाए।

प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे सवा लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित करने का निर्णय लिया था। इसमें पहले चरण में 58 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के तौर पर प्रोन्नत करके उनको प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित कर दिया था।

अगस्त में समायोजन के बाद शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बन जाने के बाद भी वेतन जारी नहीं हो सका है। इस मामले को लेकर शिक्षामित्रों ने मंगलवार को यूपी बोर्ड के सचिव से मुलाकात की थी।

इसके बाद सचिव ने सभी क्षेत्रीय सचिवों को बुलाकर निर्देश दिया कि प्रमाण पत्रों का सत्यापन 10 दिन में पूरा कर लिया जाए।

Thursday 18 December 2014

CTET Feb-2015 Exam Has Been Announced.

In accordance with the provisions of sub-section (1) of Section 23 of the RTE Act, the National Council for Teacher Education (NCTE) had vide Notification dated 23rd August, 2010 and 29th July, 2011 laid down the minimum qualifications for a person to be eligible for appointment as a teacher in classes I to VIII. It had been inter alia provided that one of the essential qualifications for a person to be eligible for appointment as a teacher in any of the schools referred to in clause (n) of section 2 of the RTE Act is that he/she should pass the Teacher Eligibility Test (TET) which will be conducted by the appropriate Government in accordance with the Guidelines framed by the NCTE.
The rationale for including the TET as a minimum qualification for a person to be eligible for appointment as a teacher is as under:
  1. It would bring national standards and benchmark of teacher quality in the recruitment process;
  2. It would induce teacher education institutions and students from these institutions to further improve their performance standards;
  3. It would send a positive signal to all stakeholders that the Government lays special emphasis on teacher quality
The Ministry of Human Resource Development, Govt. of India has entrusted the responsibility of conducting the Central Teacher Eligibility Test (CTET) to the Central Board of Secondary Education Delhi.
Date for Submission of On-Line Application: 18.12.2014 to 08.01.2015 
Last date for submission of On-line Application: 08.01.2015
Last date for submission of fees: 10.01.2014

To download brochure please Click here...
To apply online please Click here...
For more details please visit : http://www.ctet.nic.in/

शिक्षक भर्ती पर सरकार ने किया बड़ा बदलाव

अच्छे लोग ही बन पाएंगे शिक्षक

जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चल रहा या जांच चल रही है, वे बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षक नहीं बन पाएंगे।

नियुक्ति से पहले अब अभ्यर्थियों का पुलिस सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने नियम बना दिया है।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा का कहना है कि अच्छे लोग ही शिक्षक बनें, इसलिए पुलिस सत्यापन का निर्णय लिया गया है।

जिस तरह अन्य सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के समय पुलिस सत्यापन कराया जाता है उसी तरह बेसिक स्कूलों में भी शिक्षकों की भर्ती के लिए यह कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यदि किसी अभ्यर्थी के खिलाफ किसी थाने में पुलिस विवेचना या मुकदमा दर्ज है तो उसे शिक्षक बनने के योग्य नहीं माना जाएगा।

अन्य राजकीय सेवाओं की तरह बेसिक शिक्षा में भी अब बिना पुलिस सत्यापन के शिक्षक की भर्ती नहीं की जाएगी।

Breaking News: आर्ट, साइंस, मेल, फीमेल आरक्षण समाप्त नहीं हुआ है.

दोस्तो खबर मिल रही है कि आर्ट, साइंस, मेल, फीमेल आरक्षण समाप्त नहीं हुआ है. टेट मोर्चा अग्रणी जितेंद्र सिंह पाल के अनुसार...

ऐसा मा० कोर्ट ने कुछ भी नहीं कहा है. जब आदेश लिखाया जा रहा था तो ये भी लिखाया गया है राज्य सरकार की आरक्षण नीति को ध्यान में रखते हुए नियक्ति की बात कही है.

पहले कोर्ट ने 75% एवं 70% का पैरामीटर निर्धारित किया था किन्तु सीनियर अधिवक्ता श्री विकास सिंह कोर्ट में 15-मिनट लेट आये थे. सारे मामले को समझकर उन्होंने कहा कि उपरोक्त पैरामीटर को लागु करने से वंचित वर्ग को नुकसान हो जायेगा, नियुक्ति के लिए न्यूनतम 60% टेट मार्क्स बालों को भी नियुक्ति का अवसर दिया जाए. साथ ही विकास सिंह की बात पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने 70% और 65% कर दिया, जिससे अधिकतम अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा. जब आर्ट, साइंस, मेल, फीमेल etc. पर जब बात उठाई गयी तो विकास सर ने कोर्ट को बताया कि ये सभी मामले मा० हाईकोर्ट से निर्णीत नहीं हैं अतैव इनको यहाँ नहीं सुना जा सकता और इसे मा० कोर्ट ने सुनने से मना कर दिया.

हालांकि टेट मोर्चा के अन्य सदस्य गणेश दीक्षित जी ने आरक्षण समाप्त होने कि खबर दी थी...

Breaking News- Supreme Court Final Order Regarding UPTET 72825 Vacancies

नई दिल्ली, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से लटकी पड़ी प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम आदेश में प्रदेश सरकार को छह सप्ताह में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सामान्य श्रेणी के जिन अभ्यर्थियों ने टीईटी परीक्षा में 70 फीसद या उससे अधिक तथा आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने 65 फीसद या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं उनकी नियुक्ति की जाए।

यह अंतरिम आदेश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्राइमरी शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जारी किया। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 72825 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का मामला 2011 से लटका पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने 25 मार्च के पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया है।

गत 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को हाई कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए तीन महीने में भर्ती करने का आदेश दिया था। उस आदेश में टीईटी के अंकों के आधार पर तो भर्ती होनी थी, लेकिन उसके लिए कोई कट आफ अंक तय नहीं थे जो कि आज के आदेश में 70 फीसद और 65 फीसद तय किए गए हैं।

कोर्ट ने राज्य सरकार को छह सप्ताह में आदेश पर अमल करके रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सरकार 25 फरवरी तक कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेगी। तभी कोर्ट प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों की ओर से दाखिल अपीलों पर सुनवाई करेगा। हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के मामले में सुनाए जाने वाले अंतिम फैसले के आधीन होंगी और नियुक्ति पाने वाले लोग बाद में किसी तरह के लाभ की मांग नहीं करेंगे।

यह है मामला
उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 2011 में 72825 पदों के लिए आवेदन मंगाए गए। उस समय टीईटी परीक्षा में हासिल अंकों के आधार पर भर्ती का फैसला किया गया, लेकिन 2012 में प्रदेश में सरकार बदल गई और नई सरकार ने भर्ती के नियमों में बदलाव कर दिया। बदले नियमों में भर्ती का आधार क्वालिटी मार्क्स रखे गए। जिनमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में प्राप्त अंको को भी टीईटी के साथ भर्ती का आधार माना गया। भर्ती नियमों में बदलाव को टीईटी पास कर चुके अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने भर्ती के नये नियम निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार को नये सिरे से टीईटी के आधार पर भर्ती करने का आदेश दिया। इस फैसले को प्रदेश सरकार ने व हाई कोर्ट के आदेश से प्रभावित हो रहे अन्य पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है

Monday 15 December 2014

Final Cut-off after 3rd counselling

Download Gonda Final Cut-off after 3rd counselling
Click Here....

Download Maharajganj Final Cut-off after 3rd counselling
Click Here....

Friday 12 December 2014

PICS: सड़कों पर शिक्षक, ऐसे यूपी चलाएंगे अखिलेश?

btc teacher protest in lucknow.
आखिर क्यों: तीन दिन से यूपी का शिक्षक वर्ग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है और पुलिस की बर्बरता का शिकार हो रहा है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पोस्टेड विशिष्ट बीटीसी के टीचर्स ने शुक्रवार को मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। मंगलवार को वित्तविहीन शिक्षक मानदेय की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। गुरुवार को शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों को पुलिस ने घेर-घेरकर मारा, इन लोगों का कुसूर सिर्फ इतना था कि ये ज्वॉइनिंग लेटर की मांग कर रहे थे

btc teacher protest in lucknow.

बीटीसी टीचर्स कई मांगे लेकर विधानसभा पर प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। प्रदेशभर से करीब ढाई हजार टीचर्स इकट्ठे हुए थे। इसमें पुरानी पेंशन बहाल करने, दुर्गम ग्रामीण भत्ता देने जैसी कई मांगे शामिल थीं। तस्वीरों में देखिए पुलिस ने टीचर्स के साथ क्या सुलूक किया टीचर्स ने सांकेतिक गिरफ्तारी दे दी है।

btc teacher protest in lucknow.

प्रदर्शन कर रहे एक टीचर ने बताया कि 2 हजार लोगों में से आधे लोगों को पुलिस अपने साथ गाड़ियों में भर कर ले गयी। करीब ढाई तीन सौ लोगों को पुलिस लाइन लाया गया। टीचर के मुताबिक उनके साथ लाठीचार्ज भी किया गया।

btc teacher protest in lucknow.

टीचर्स के धरने की खबर लगते ही चारबाग के आसपास का इलाका छावनी में तब्दील हो गया।

btc teacher protest in lucknow.

बीते दिनों मानदेय को लेकर वित्तविहीन टीचर्स ने लखनऊ की सड़कों को जाम कर दिया था। बड़ी मशक्कत और आश्वासनों के बाद इन टीचर्स को समझाया जा सका।

btc teacher protest in lucknow.

वित्तविहीन टीचर्स के धरने के बाद लखनऊ की सड़कों की ये हालत हो गई थी।

btc teacher protest in lucknow.

ज्वॉइनिंग लेटर की मांग कर रहे टीचर्स को भी पुलिस ने घेर-घेरकर मारा था।

Tuesday 9 December 2014

बलरामपुर समेत सात जिलों में सत्यापन शुरू

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में तीन चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्रों को नियुक्ति पत्र देने के लिए सात जिलों ने प्रमाण पत्रों का सत्यापन शुरू करा दिया है।

बलरामपुर, रामपुर, बरेली, फतेहपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद व कन्नौज के डायट प्राचार्यों ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को सूचना दी है कि तीन चरणों की काउंसलिंग में पात्र मिलने वालों के प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालयों को भेज दिया गया है।

एनआईसी जारी करेगा मेरिट

एनआईसी (नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर) 25 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच डायट प्राचार्यों द्वारा किए गए संशोधन का मिलान करते हुए चौथे चरण की मेरिट जारी करेगा। सचिव बेसिक शिक्षा ने बताया कि चौथे चरण की काउंसलिंग में मेरिट में आने वालों के प्रमाण पत्रों का मिलान कराए जाने के बाद 10 फीसदी अभ्यर्थियों की एक वेटिंग लिस्ट बनाई जाएगी।

वेटिंग लिस्ट टॉप मेरिट के बाद दूसरे नंबर पर रहने वालों की बनाई जाएगी, जिससे कोई अभ्यर्थी जॉइन नहीं करता है तो वेटिंग लिस्ट वालों को नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा।

72,825 शिक्षक भर्ती: जानें, कब होगी चौथी काउंसलिंग

भरे जा चुके हैं 76 फीसदी पद
प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए चौथी काउंसलिंग 2 से 12 जनवरी तक होगी। चौथे चरण की काउंसलिंग की खास बात यह होगी कि 10 फीसदी अधिक अभ्यर्थियों की वेटिंग लिस्ट बनाई जाएगी।

यदि कोई अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र पाने के बाद जॉइन नहीं करता है तो वेटिंग वाले को मौका दिया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में करीब 76 फीसदी पद भर गए हैं और 24 प्रतिशत खाली होने का अनुमान है।

सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की चौथी काउंसलिंग के बारे में विचार-विमर्श हुआ। निर्णय लिया गया कि 15 से 24 दिसंबर के बीच एनआईसी डाटा ऑनलाइन करेगा।

इस दौरान डायट प्राचार्य आवेदन पत्रों के आधार पर इसमें संशोधन करेंगे। प्रथम चरण में पहले, दूसरे व तीसरे चरण में प्रोविजनल काउंसलिंग कराने वालों के आवेदन पत्रों को ठीक किया जाएगा। इसके बाद अन्य आवेदन पत्रों की त्रुटियां ठीक की जाएंगी।

Tuesday 2 December 2014

72,825 शिक्षक भर्ती: जानें, अब 'सरकार' ने क्या कहा?

प्रदेश सरकार जल्द ही छात्रों की संख्या के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के नए पदों का सृजन करेगी। फिलहाल प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर 333790 अध्यापक और 106403 शिक्षा मित्र कार्यरत हैं।

विधानसभा में भाजपा के सुरेश खन्ना के सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम दो अध्यापकों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान/गणित, सामाजिक अध्ययन एवं भाषा विषय के कम से कम एक-एक अध्यापक की तैनाती की व्यवस्था है।

प्राथमिक स्कूलों में 30 छात्रों पर एक अध्यापक और उच्च प्राथमिक स्तर पर 35 बच्चों पर एक अध्यापक की नियुक्ति का प्रावधान है।

इसके अनुरूप अध्यापकों की जरूरत के संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से सूचना मंगाई जा रही है। सूचना मिलने पर छात्रों के अनुपात में शिक्षकों के पद सृजित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के तहत तीन काउंसलिंग हो चुकी है। चौथी काउंसलिंग होने वाली है। 58903 शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण पूरा करके सहायक अध्यापक का दर्जा दे दिया गया है।

चरणवार अन्य शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण सूबे में एक भी स्कूल बंद नहीं है। सुरेश खन्ना ने अपने विधानसभा क्षेत्र के ऐसे एक विद्यालय का जिक्र किया लेकिन मंत्री ने इससे इन्कार किया।