Total Pageviews

Wednesday 14 June 2017

72825 भर्ती में मुन्नाभाई बन गए शिक्षक, फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले 79 शिक्षक हुए बर्खास्त

हरदोई. फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले 79 शिक्षकों को बर्खास्त करने के साथ ही उनके खिलाफ एक साल पहले एफआईआर हो चुकी है। इस मामले की हरदोई पुलिस जांच कर रही है। इसी बीच छिबरामऊ में पकड़े गए जालसाज ने हरदोई के शिक्षा विभाग के लिपिकों का नाम लेकर पूरे मामले को नया मोड़ देने के साथ ही विभाग में खलबली मचा दी है। अभी और भी मुन्ना भाइयों के नौकरी में होने की आशंकाए बलबती हो गई है।

कैसे-कैसे खेल, किससे-किससे मेल

इसे विभागीय जिम्मेदारों का खेल ही कहा जाएगा कि बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती में मुन्ना भाई नौकरी पाने में कामयाब हो गए जिसमें 79 शिक्षकों की बर्खास्तगी हो चुकी है। अगर पिछले दो-तीन वर्षो में हुई शिक्षकों एवं अनुदेशकों आदि की भर्ती के शत प्रतिशत सत्यापन उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से करा दिया तो और भी मुन्ना भाई सामने आ सकते है। जैसा जिस तरह से भर्ती में कुछ प्रमाणपत्र फर्जी लगाए जाने का खुलासा हुआ है उससे साफ है कि मामला कई खास लोगों से जुड़ा हो सकता है।

सत्यापन को लेकर उठते रहे सवाल

जिले में होने वाली शिक्षकों आदि की भर्ती में जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने से लेकर सत्यापन एवं बर्खास्तगी की कहानी किसी स्वप्र सरीखी सी लगती है। आज तक इस मामले को लेकर किसी विभागीय जिम्मेदार पर कार्यवाही नहीं हुई कि संचार क्रांति के इस युग में जब ज्यादातर शैक्षिक संस्थान ऑनलाइन है तो फिर मुन्ना भाई कैसे नौकरी पा जाते हैं।मामले में विभागीय लोगों की संलिप्ता को लेकर भी समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं।

डायट और विभाग में खूब हुई थी तनातनी

शिक्षक भर्ती में नियुक्ति से लेकर स्कूल आवंटन के मामले में करीब दो साल पहले जिला प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और बेसिक शिक्षा विभाग में खूब तनातनी रही। तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एक-दूसरे को लेकर खूब शब्दबाण चलाने के साथ पत्राचार भी किया। कभी शिक्षकों की काउंसलिग कराए जाने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग पर सवाल उठाए जाते रहे, तो कभी प्रथम सत्यापन कराए जाने को लेकर डायट पर निशाना साधा जाता रहा। इस पूरे मामले में एक बात साफ है कि बिना उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच हुए यह स्पष्ट कैसे हो सकेगा कि खेल के मेल में आखिर कभी अच्छे रहे रिश्ते फेल क्यों हुए और क्यों मुन्ना भाई नौकरी पाने में कामयाब होते रहे। एक साल पहले सत्यापन में फर्जी पाए गए 79 टीचरों को बर्खास्त करने के साथ ही एफआईआर हो चुकी है मगर पुलिस की जांच मुन्ना भाइयों के इर्दगिर्द घूमती रही। छिबरामऊ (कन्नौज) पुलिस की गिरफ्त में आये शातिर देवेंद्र के इकबालिया बयान के बाद अब हरदोई पुलिस को भी जांच का दायरा बढ़ाने का रास्ता मिल गया है।

Friday 26 May 2017

Basic Shiksha बेसिक शिक्षा की गंभीर स्थिति पर हाईकोर्ट संजीदा


पूछा सवाल

विधि संवाददाता, लखनऊ : हाईकोर्ट ने प्रदेश मे बेसिक शिक्षा के स्तर पर गंभीर चिंता जतायी है। कोर्ट ने कहा कि हालत यह है कि कोई भी संपन्न व्यक्ति अपने बच्चों को प्राइमरी पाठशालाओं में नहीं पढ़ाना चाहता है।

कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर ऐसा क्यों है, जबकि बेसिक शिक्षा पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च किया जा रहा है। कोर्ट ने शिक्षा का अधिकार कानून के अनुपालन के संबंध में राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी को पूरी तरह अस्पष्ट और असंतोषजनक बताया है। सरकार की ओर से दिये गए जवाब में शिक्षा के अधिकार कानून के अनुपालन के बारे में उठाये गए कदमों की जानकारी दी गई थी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की खंडपीठ ने नूतन ठाकुर की जनहित याचिका पर दिया। याचिका पर जवाब देते हुए मुख्य सचिव राहुल भटनागर व अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया। न्यायालय ने हलफनामे में दी गई जानकारी को अस्पष्ट और असंतोषजनक करार दिया।

न्यायालय ने कहा कि इनमें उन विद्यालयों का विवरण नहीं है जहां कोई ऐसा सुधार हुआ हो कि निचले पायदान से आने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके जैसी अमीर व उच्च वर्ग के बच्चों को मिलती है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 30 मई को तय करते हुए कहा कि हमें ऐसे स्कूलों व लाभार्थियों का विवरण जानने की आवश्यकता है जहां उक्त सुधार हुए हों।’

करोड़ों खर्च के बावजूद क्यों नहीं प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना चाहते

राज्य सरकार के जवाब को अस्पष्ट और असंतोषजनक बताया

पंचायत राज विभाग के सफाई कर्मचारी करेंगे स्कूल साफ, शिक्षकों पर सफाई की बाध्यता नहीं

अलीगढ़ : स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में जिला पंचायत राज विभाग के सफाईकर्मी सफाई करेंगे। शासन की ओर से इस योजना पर मुहर लगाई गई है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जुलाई से स्कूल खुलने पर ये प्रक्रिया स्कूलों में लागू होगी।

बच्चों को स्वस्थ्य व स्वच्छ माहौल में शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिलेगा। पूर्व में कई बार निरीक्षण के दौरान स्कूल में गंदगी मिलने पर शिक्षकों पर कार्रवाई की गई। इस पर शिक्षकों ने सफाईकर्मी के न आने का हवाला देते हुए कार्रवाई का विरोध किया था। इसके साथ ही शिक्षक भी सप्ताह में हर शनिवार को सफाई की स्वैच्छिक जिम्मेदारी ले सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार के अभियान के तहत शिक्षकों ने भी सफाई की शपथ ली है। जिले के करीब 2509 स्कूलों में लगभग 7751 शिक्षक-शिक्षिकाएं पढ़ाते हैं। इसमें 1774 प्राइमरी व 735 जूनियर हाईस्कूल हैं। अगर सप्ताह में एक दिन भी शिक्षक इस काम में जुट जाएं तो सरकारी स्कूलों की दशा सुधर सकती है।

सरकारी स्कूलों में पंचायत राज विभाग के सफाईकर्मी सफाई करेंगे, यह तय हो गया है। शिक्षकों पर बाध्यता नहीं है। शपथ लेने वाले शिक्षक एक दिन सफाई में श्रमदान कर सकते हैं।
गिरजेश चौधरी, एडी बेसिक

अलीगढ़ : सभी राजकीय इंटर कॉलेज व वित्तपोषित कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे व बायोमीटिक मशीन लगाना जरूरी हो गया है। शासन ने इन प्रक्रियाओं को 25 जुलाई तक अमल में लाने को कहा है। जिले में 94 एडेड कॉलेज व 28 राजकीय विद्यालय हैं। नौरंगीलाल राजकीय इंटर कॉलेज में 24 कैमरे लगाए जाएंगे। प्रधानाचार्य शीलेंद्र यादव ने बताया कि कॉलेज में 20 कक्षाओं, कार्यालय के फ्रंट, स्टाफ हॉल, बाबुओं के कार्यालय व मेन गेट पर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा बायोमीटिक मशीन भी लगाई जाएगी। बताया कि जेडी अजय कुमार द्विवेदी ने सभी कॉलेज संचालकों को 25 जुलाई तक ये प्रक्रिया अमल में लाने के लिए निर्देशित किया है।

यूपी: प्राइमरी-जूनियर के टीचरों के लिए खुशखबरी, जानें क्या

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के 5.35 लाख शिक्षकों को अप्रैल महीने से सातवें वेतन आयोग के अनुसार बढ़ी तनख्वाह मिलेगी। बढ़ा वेतन देने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर में डाटा फीडिंग और फिक्सेशन का काम शुरू हो गया है। अलग-अलग स्लैब के अनुसार वेतन पा रहे शिक्षकों को 5733 से लेकर 13674 रुपये की वृद्धि मिलेगी।

केंद्र सरकार की ओर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 दिसंबर 2016 को अपने कर्मचारियों को इसका लाभ देने का शासनादेश जारी किया। सातवें वेतन आयोग का लाभ एक जनवरी 2016 से मिलना है। लिहाजा जनवरी से दिसंबर 2016 तक के एरियर का भुगतान दो किस्तों में वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 में करने की व्यवस्था की गई थी।

हालांकि आयोग की संस्तुतियों के अनुसार संशोधित वेतन की गणना के लिए साफ्टवेयर तैयार होने में देरी के कारण शिक्षकों को बढ़ा वेतन पाने में जनवरी से मार्च तक तीन महीने और इंतजार करना पड़ गया। सूत्रों के अनुसार, इस तीन महीने का एरियर बजट की उपलब्धता के अनुसार मिलेगा। वित्त नियंत्रक (बेसिक) मणिशंकर पांडेय ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार भुगतान के लिए जिलों में फीडिंग का काम शुरू हो गया है।


इनका कहना है, इलाहाबाद जिले के तकरीबन 13.5 हजार परिषदीय शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने के लिए कम्प्यूटर में फीडिंग और फिक्सेशन काम चल रहा है। इस महीने के अंत तक शिक्षकों के खाते में बढ़ी हुई तनख्वाह पहुंच जाएगी। विमलेश यादव, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग

यूपी: प्राइमरी-जूनियर के टीचरों के लिए खुशखबरी, जानें क्या

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के 5.35 लाख शिक्षकों को अप्रैल महीने से सातवें वेतन आयोग के अनुसार बढ़ी तनख्वाह मिलेगी। बढ़ा वेतन देने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर में डाटा फीडिंग और फिक्सेशन का काम शुरू हो गया है। अलग-अलग स्लैब के अनुसार वेतन पा रहे शिक्षकों को 5733 से लेकर 13674 रुपये की वृद्धि मिलेगी।

Primary Ka Master अब प्राइमरी शिक्षकों को रखना होगा आईकार्ड, शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए पहचान पत्र रखना होगा अनिवार्य


इलाहाबाद। जुलाई से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र से प्राइमरी स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। पहचान पत्र पर इनकी फोटो लगी रहेगी और आधार नंबर, ब्लड ग्रुप तथा तैनाती स्थल सहित अन्य ब्योरा दर्ज होगा। बीएसए हरिकेश यादव ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों से आईकार्ड 
तैयार करने के लिए शिक्षकों का ब्योरा मांगा है ताकि जुलाई से पूर्व सभी के आईकार्ड तैयार कर लिए जाएं। बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को मुफ्त ड्रेस वितरण के लिए विद्यार्थियों की नाप तैयार करने को भी कहा है ताकि बजट आते ही ड्रेस तैयार कर वितरित कर दिए जाएं। बीएसए ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों के मानदेय का भुगतान करने का आदेश भी जारी किया है।

Primary Ka Master कोड से होगी परिषदीय शिक्षकों की पहचान


राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षक परिषद के विद्यालयों में तैनात कौन सा शिक्षक, शिक्षणोत्तर कर्मचारी या शिक्षामित्र कहां तैनात है। उसका चुटकी बजाते पता चल जाएगा। किस जिले में कितने शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है या उनका तबादला एक से दूसरे स्कूल में होता है तो उनकी अब पहचान बेहद आसानी से होगी। यह सब संभव हो सकेगा कंप्यूटर की माउस की एक क्लिक से। शासन के निर्देश पर परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद और इन पदों के सापेक्ष तैनात हर शिक्षक, शिक्षणोत्तर कर्मचारी और शिक्षामित्र को अलग-अलग कोड आवंटित होना है। उसे वेबसाइट पर प्रदर्शित भी किया जाएगा। यह व्यवस्था बेहतर शैक्षिक व वित्तीय नियोजन तथा तबादलों में पारदर्शिता लाने के लिए हो रही है। यही नहीं कुछ बरस पहले बेसिक शिक्षा सचिव आशीष गोयल ने इस दिशा में कदम बढ़ाया था, लेकिन प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ रही है। मानव संसाधन प्रबंध प्रणाली के तहत शिक्षकों को कोड देने की व्यवस्था पहली बार शुरू हो रही है। प्रदेश भर के जिलों में कार्मिक विवरण की फीडिंग शुरू हो चुकी है, परिषद सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांग रहा है। शिक्षकों को मिलने वाले कोड में उससे जुड़ी सभी जानकारियां रहेंगी। बुधवार को बेसिक शिक्षा परिषद में सचिव ने विभिन्न जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक करके कार्य की समीक्षा की। इसमें इंप्लाइ कोड तैयार करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। कोड को तैयार करने के लिए आवश्यक टीचर्स के संबंध में सभी जानकारियों को परिषद कार्यालय में उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिए गए। जिससे इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए इंप्लाइ कोड जल्द एलाट किया जा सके।

एनआइसी तैयार करेगा कोड : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात शिक्षकों का इंप्लाई कोड तैयार कराने के लिए एनआइसी को जिम्मेदारी दी गई है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने बताया कि सभी जिलों की डिटेल प्राप्त होने के बाद योजना बनेगी।

ऐसा हो सकता है कोड

इसके तहत विद्यालय कोड 11 अंकों का हो सकता है। पहले दो अंक (01 से 75 तक) जिले के लिए होंगे। तीसरा अंक नगर क्षेत्र (1), अन्य नगर क्षेत्र (2) व ग्रामीण क्षेत्र (3) के लिए होगा। चौथा व पांचवां अंक ब्लाक/नगर क्षेत्र के लिए (01 से 23 तक या उनकी संख्या के अनुसार) होगा। छठां व सातवां अंक ग्राम पंचायत/वार्ड के लिए (01 से 20 तक या उनकी संख्यानुसार) होगा। आठवां व नौवां अंक स्कूल के प्रकार के लिए (01 से 11 तक) होगा। अंतिम दो अंक (01 से 10 तक या स्कूलों की संख्या के अनुसार) ग्राम पंचायत/वार्ड के अंदर स्कूलों की संख्या तय करने के लिए होंगे। पद का कोड 13 अंकों का होगा। पहले 11 अंक स्कूल के कोड के समान होंगे। आखिरी दो अंक पद से संबंधित होंगे, जिसमें 01 से 10 तक की संख्या प्रधानाध्यापक के लिए, 11 से 80 की संख्या अध्यापकों के लिए, 81 से 90 की संख्या चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए तथा 91 से 99 की संख्या शिक्षामित्र के लिए निर्धारित होगी।

Basic Shiksa Parisad बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की बैठक सम्पन्न, मीटिंग में परिषद और शासन की महत्वपूर्ण 12 निर्णय पर बनी सहमति, जाने किसपे बनी सहमति


1, कक्षा 1से 3 तक की किताबों में किया गया संशोधन किया पारित।
2, अब बी0 टी0 सी0 के स्थान पर होगी डी0 एल0 एड0 जो सम्पूर्ण देश में एक जैसा होगा।
3, डेंगू की रोक थाम हेतु पाठ्यक्रम में किया शामिल विज्ञान में।
4, स्थानांतरण कमेटी में जिला अधिकारी के स्थान पर डायट प्राचार्य या A D होंगे अध्यक्ष प्रस्ताव पास जिलाधिकारी बाहर।
5, समायोजन में हटाया जाएगा कनिष्ठ शिक्षक प्रस्ताव पारित।
6, जनपद में विद्यालयों को बांटा जाएगा तीन ज़ोन में।
7, अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण होंगे जुलाई में।
8, 7 जुलाई से 20 जुलाई तक किये जायेंगे ओन लाइन आवेदन।वरिष्ठ को मिलेगी बरीयता पुनः तीन साल पर ही होंगे स्थानांतरण।15 साल का प्रस्ताव खारिज।तीन जिलों का लिया जाएगा विकल्प। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में शासन न करे हस्तक्षेप यह परिषद का अधिकार।
9, परिषदीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति होगी परफार्मेंस के आधार पर।
10, बेसिक शिक्षा परिषद एवम वित्त नियंत्रक कार्यालय हेतु 25000 के स्थान पर 50000,50000 की स्वीकृति।
11,वही पर अथितियों के ऊपर 300 के स्थान पर कर सकेंगे सचिव 1000 रुपये ब्यय।
12,स्कूल ड्रेस की एक साथ पूरी धनराशि भेजने का।तथा धनराशि बढ़ाये जाने का भी प्रस्ताव पारित। कानूनगो लेखपाल के निरीक्षणों पर रोक का भी प्रस्ताव पारित।
इसके अतिरिक्त अन्य प्रस्ताव जो दिए गए उन विचार किया जाएगा

सातवां वेतन आयोग का जून में मिलेगा बढ़ा हुआ भत्ता

लखनऊ। केंद्रीय कर्मचारियों को जून में उनका बढ़ा हुआ भत्ता मिल सकता है। आगामी एक जून को भत्तों पर लवासा कमेटी की सिफारिशों पर कैबिनेट सेकेरेट्री की अध्य्क्षता में सचिवों की हाई पावर कमेटी की बैठक होनी है। बैठक में सिफारिशों पर विचार के बाद इसे लागू किया जाएगा तथा आगे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति में मकान किराया (HRA) एवं अन्य भत्तों पर लवासा कमिटी की रिपोर्ट चर्चा की जाएगी।

बढ़ें हुए भत्ते कब से मिलने शुरू होंगे इस पर वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अनुसार, जून में सरकारी कर्मचारियों को बढ़े हुए भत्तों पर फैसला हो जाएगा आैर उनको जून से बढ़े हुए भत्ते मिलने शुरू हो सकते हैं। वहीं अगर एरियर की बात की जाए तो यह फैसला कैबिनेट में लिया जाएगा कि एरियर एक साथ दें या किश्तों में।
भत्ताें पर गठित अशोक लवासा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को अप्रैल के अंत में सौंप दी थी। सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने रिपोर्ट में हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) को 28, 18 आैर 10 फीसदी रखने की सिफारिश की है, मगर रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा एचआर की दरें भी तर्कसंगत हैं। अगर सरकार चाहे तो इन पर गौर किया जा सकता है। इसके अलावा लवासा कमेटी ने 196 भत्तों में से 52 को पूरी तरह समाप्त करने और 36 भत्तों को अन्य बड़े भत्तों में समाहित करने के सुझाव का समर्थन किया है।


एचआरए बेसिक सैलरी के आधार पर मिलता है। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में क्लास X शहर के लिए 24 फीसदी, क्लास Y के लिए 16 आैर क्लास Z के लिए 8 फीसदी एचआर देने की सिफारिश की थी। इसका केंद्रीय कर्मचारियों ने जोरदार विरोध किया था, तब सरकार ने लवाला कमिटी का गठन किया था। इस कमेटी को अक्टूबर 2016 में अपनी रिपोर्ट देनी थी। मगर उसने अप्रैल 2017 के अंत में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी।

Tuesday 23 May 2017

माध्यमिक शिक्षकों का तबादला आदेश जल्द,अब राजकीय व अशासकीय शिक्षकों को ऑनलाइन करना होगा आवेदन

इलाहाबाद : प्रदेश के माध्यमिक कालेजों के शिक्षक जल्द ही मनमाफिक तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने ऑनलाइन तबादले का साफ्टवेयर तैयार करा लिया है। स्कूलों में गर्मी की छुट्टी का अवकाश होने व यूपी बोर्ड परीक्षा का परिणाम भी लगभग तैयार है। ऐसे में अब शिक्षकों को तबादले का मौका मिलेगा। इसमें महिला, विकलांग, वरिष्ठ शिक्षक व दंपती के सरकारी सेवा में होने का लाभ 
मिलेगा।


प्रदेश का अशासकीय माध्यमिक विद्यालय हो या राजकीय हाईस्कूल व इंटर कालेज वहां के शिक्षकों को तबादला कराने के लिए तरह-तरह के जतन करने पड़ते

7th Pay Commission News : मई माह से सातवां वेतन निर्धारण होगा


नई पेंशन और बेसिक में कटौती: नयी पेंशन नीति एक धोखा है इसे लेने से पहले एक उदाहरण देखे फिर सोचे क्या नयी पेंशन लेना सही होगा या नही

अन्य स्रोत से:"मिशन पुरानी पेंशन"

नई पेंशन और बेसिक में कटौती

मित्रों जैसा आप सब को पता है कि पुरानी पेंशन की लड़ाई विभिन्न संगठनों द्वारा जोर शोर से चल रही है जिसमे छोटा सा योगदान मैं भी दे रहा हूँ। जीत निश्चित है बस आप को धैर्य रखना होगा तथा सहयोग देना होगा ताकि जो लड़ रहे है उनका मनोबल मजबूत रहे. आज जब मामला कोर्ट में है तो भी सरकार कुछ भी नही बोल रही क्योकि उसके पास बोलने को कुछ है ही नही अगर बोलेगी तो सालो से बोला जा रहा झूट पकड़ा जायेगा।पूरा चुनाव बीत गया पर किसी भी राजनितिक पार्टी ने लाखों लोगो के इस संवेदनशील मुद्दे को अपने चुनावी मुद्दे में शामिल नही किया जो की सोचनीय है इसका एक कारण जो मुझे समझ में आया वो ये है कि हम ये साबित नही कर पाए की पेंशन का मामला हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हम उसे ही वोट करेंगे जो इसको लागु करने की बात करेगा।

सरकार ने अपनी गलत नई पेंशन नीति कई विभागों में लागू कर रखी है और इसकी कटौती सुरु है अगर जिस दिन ये गलत कटौती सुरु की गयी थी उसी दिन हर व्यक्ति इसे लेने से इंकार कर देता और कोई कटौती न करवाता तो ये नयी पेंशन लागु ही न हो पाती। हमारे साथी गलत का

UPTET उत्तर प्रदेश के 99 हजार शिक्षकों की टेंशन हो गई खत्म, सुप्रीम कोर्ट से आई बड़ी खुशखबरी


लखनऊ. उत्तर प्रदेश के करीब 99 हजार प्राथमिक सहायक शिक्षकों को राहत मिलने के आसार दिख रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि प्राथमिक सहायक शिक्षकों के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) महज क्वालीफाइंग है न कि मेरिट का एकमात्र आधार।

एनसीटीई ने दाखिल किया हरफनामा

सोमवार को एनसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामें में कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-23 (1) को ध्यान में रखते हुए उसने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना

शिक्षामित्रों के सुप्रीमकोर्ट में आने वाले निर्णय पर अलर्ट जारी किये जाने पर शिक्षामित्रों बौखलाए, BSA सौंपा ज्ञापन


आखिरकार वेतन के लिए शिक्षकों को क्यों हर माह करना पड़ता है आंदोलन


प्रदेश में मई महीने में साफ्टवेयर चेंज होना है। साफ्टवेयर चेंज होने का बड़ा वजह मई से शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाना है। साफ्टवेयर की वजह से ही बेसिक शिक्षा परिषद ही अमूमन सभी विभागों वेतन प्रक्रिया लेट चल रही है। यह मामला सबकी जानकारी में है तो फिर सवाल यह है कि आखिर जानबूझ कर बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों ने वेतन के लिए धरना प्रदर्शन क्यों किया। अभी तक माना यह जाता रहा है कि परिवर्तन का स्वागत में शिक्षक समुदाय ही अगुआ रहा है। लेकिन अगर शिक्षक ही पविर्तन के दौर में सब्र करने को तैयार नहीं तो फिर किसे दोष दिया जाए। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी ने भी अपनी ओर से यह साफ करने की जहमत नहीं उठायी कि वेतन में रही देरी की वजह क्या है। इसी का फायदा उठाते हुए गुटों में बंटे शिक्षक नेता अपनी नेतागीरी चमकाने के मौके की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। वेतन को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। यही नहीं, 23 मई से अनशन करने तक की धमकी दी है।

Big Breaking News : सुप्रीम कोर्ट द्वारा "खतरनाक" शब्द का प्रयोग- किस ओर करता है इशारा


अन्य स्त्रोत से: सुप्रीम कोर्ट द्वारा "खतरनाक" शब्द का प्रयोग।

समाचार पत्रो मे प्रकाशित हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने NCTE की टिप्पणी को खतरनाक बतलाया है । मेरे विचार से सुप्रीम कोर्ट ने सटीक शब्द का प्रयोग किया है । NCTE के अनुसार टेट एक पात्रता परीक्षा है , उससे अधिक कुछ नही ।

तो तय मानिये यह खतरनाक ही है 72825 के दृष्टिकोण से । कारण जज का सोचना है कि यदि टेट एक पात्रता है तो 72825 भर्ती जो कि टेट पर हुयी अवैध है (कारण NCTE गाइडलाइन का पालना न होना) और उसके स्थान पर 72825 अकादमिक विज्ञापन बहाल करना होगा तो इस स्थिति वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुयी टेट भर्ती को साइडलाइन करना एक बङी चुनौती होगी ।

Friday 19 May 2017

अखिलेश बोले, अगर 15 लाख अकाउंट में आ सकते हैं तो चांद पर दे सकते हैं लोहिया आवास

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को लखनऊ के विधानमंडल में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपना पक्ष रखा। उन्होंने भाजपा की सरकार पर करारे हमले किए और तंज कसे। अखिलेश ने कहा कि हमने एक व्य‌क्ति से कहा कि अगर फिर से सपा सरकार आई तो हम चांद पर लोहिया आवास देंगे। उसने कहा, ऐसा कैसे होगा? मैंने जवाब दिया कि जब भाजपा के लोग अकाउंट में 15 लाख रुपये दे सकते हैं तो हम चांद पर लोहिया आवास क्यों नहीं दे सकते।

अखिलेश ने अपने भाषण में सरकार से सवाल किया कि हमने लखनऊ मेट्रो बनवाई। अब तक इसमें क्या किया गया है‌, अब तक मेट्रो क्यों नहीं चली। इस पर नेता सदन जवाब दीजिए। अखिलेश ने कहा कि हमने सैफई बनाई अब भाजपा के लोग 325 सैफई बनाएं। (यूपी विधानसभा में भाजपा व भाजपा समर्थक विधायकों की संख्या 325 है।)

अखिलेश ने कहा कि न जाने हम पर कानून-व्यवस्‍था को लेकर क्यों सवाल उठाए जाते हैं। जबकि इस मोर्चे पर ये सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। मथुरा, वाराणसी व बुलंदशहर की घटना ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। अखिलेश ने कहा कि आप गाय बचाना नहीं चाहते हैं बल्कि समाज में नफरत की दीवारें बनाना चाहते हैं। आप समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। जो जहर आपने घोला है, उससे नुकसान आपको भी होगा।

मौलाना का ऐलान, कुलभूषण के जूते नवाज शरीफ को पहनाओ और 20 लाख ले जाओ

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के खिलाफ पूरा देश एकजुट हो गया है। एक तरफ कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज की अपील पर पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अदालत में ड्राफ्टिंग के लिए मदद की, तो दूसरी तरफ आम जनमानस में भी पाकिस्तान के खिलाफ रोष है। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल के रहने वाले मौलाना आतिफ कादरी ने ऐलान किया है कि जो व्यक्ति पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के गले में कुलभूषण जाधव के जूते की माला पहनाकर पूरे भारत में घुमाएगा, उसे वो 20 लाख रुपए बतौर इनाम में देंगे।

मौलाना कादरी ने जाधव को फांसी देने पर गुस्सा जताते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति कुलभूषण जाधव जी के जूते को नवाज के गले में बांधकर उसे पूरे भारत में घुमाएगा, मैं उसे 20 लाख रुपए ईनाम के तौर पर दूंगा।

यूपी में प्रशासनिक फेरबदल जारी, फिर हुए 74 IAS अफसरों के तबादले

यूपी में प्रशासनिक फेरबदल जारी है। शुक्रवार शाम को योगी सरकार ने एक बार फिर बड़ी संख्या में तबादले किए। दो दिन पहले 67 आईपीएस अफसरों के तबादले के बाद सरकार ने शुक्रवार को 74 आईएएस अफसरों के तबादले कर ‌दिए।

गौरतलब है कि पिछले दो महीने के सरकार के कार्यकाल में कानून-व्यवस्‍था को लेकर सरकार की निंदा होती रही है, जिसे सुधारने के लिए सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। अभी हाल ही में पहले सहारनपुर हिंसा और फिर मथुरा में सर्राफा कारो‌बारियों की हत्या से भी इस मुद्दे पर सरकार की किरकिरी हो चुकी है। जिसके बाद सरकार के इन कदमों को प्रशासनिक सर्जरी के तौर पर देखा जा रहा है।

तबादला किए गए अफसरों में से कई के विभाग ‌बदल दिए गए हैं तो कई तो वर्तमान जिम्मेदारी के साथ ही नई जिम्मेदारियां भी दी गई हैं। अभी तक राजस्व परिषद में तैनात चंद्र प्रकाश को वर्तमान पद के साथ ही कृषि उत्पादन आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। अब तक प्रतीक्षारत रहे शशि प्रकाश गोयल को नागरिक उड्डयन एवं राज्य सम्पत्ति तथा प्रोटोकॉल विभाग का प्रमुख सचिव पद दिया गया है।

UPTET उ.प्र. शिक्षक भर्तीः शिक्षामित्र, एकेडमिक और टेट मेरिट पर सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला किया रिजर्व

19 मई 2017: सुप्रीम कोर्ट में सहायक अध्यापक पद पर हुई नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने 12वें, 15वें, 16वें संशोधन, अकैडमिक, मेरिट एवं 9B टेट वेटेज पर सुनवाई करके फैसला सुरक्षित रख लिया है। आज इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं को सुनकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट बाद में इस पर फैसला सुनाएगी। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि हम कोर्ट द्वारा नियुक्त शिक्षक भर्ती को नहीं छेड़ेंगे। इसका मतलब है कि 72826 शिक्षक भर्ती में नियुक्त हुए टीचरों को कोई परेशानी नहीं होगी। 

NCTE की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि वेटेज देना राज्य सरकार का अधिकार है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा देने को कहा है। NCTE ने अपने पक्ष में कहा कि उसे सिर्फ न्यूनतम योग्यताओं से मतलब है। 
इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई में इस पर फैसला सुरक्षित रख दिया गया था। शिक्षामित्रों के साथ-साथ यूपी सरकार भी इस फैसले के इंतजार में है। टैट पास शिक्षामित्रों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता संजय त्यागी ने कहा कि यूपीटेट पास शिक्षामित्रों को छूट दी जाए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये लोग पूरी तरह से योग्य हैं और इन्होंने टेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। 72826 भर्ती में भी इनका सिलेक्शन हो गया था लेकिन सरकार ने पहले से ही इनका समायोजन कर लिया था इसलिए इनको सहायक अध्यापक के पद से नहीं हटाया जाना चाहिए। इस पर जज साहब ने कहा कि आप टैट है। हम इसको नोट कर लेते हैं।  इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को अवैध ठहरा दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश पर स्टे लगा दिया था।

क्या है मामला:

ये मामला पौने दो लाख शिक्षा मित्रों की सहायक शिक्षक बनाने का है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इनकी नियुक्ति को असंवैधानिक करार देकर इसे निरस्त कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ ही शिक्षा मित्र और यूपी सरकार एससी पहुंचे। 

UPTET फैसला सुरक्षित : तीन लाख से अधिक अध्यापको के भविष्य का मामला सर्वोच्च न्यायालय में हुआ कैद, जुलाई में कोर्ट खुलने पर आएगा फैसला, देखें आज की बहस का क्रम

सुनवाई समाप्त। फैसला रिजर्व हुआ।  जुलाई में कोर्ट खुलने पर आएगा फैसला। खाली पदों के लिए न्यायपीठ से टेटपास समायोजन की मांग हुई। याची लाभ पर भी चर्चा आरंभ। NCTE ने रखा पक्ष, NCTE ने कहा  केवल न्यूनतम योग्यताओं से मतलब। NCTE की तरफ से कहा गया कि वेटेज देना राज्य सरकार का अधिकार है, कोर्ट ने हलफनामा देने को कहा। न्यायपीठ का बड़ा बयान : 'हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त शिक्षकों को नही छेड़ेंगे'।केस और बहस आरंभ।  टेट वेटेज पर बहस केंद्रित। 16 वें संशोधन पर भी शुरू हुई बहस। न्यायपीठ ने पूछे कई सवाल।

Thursday 18 May 2017

1.72 लाख शिक्षा मित्रों के भविष्य के लिए सुप्रीम कोर्ट ने परंपरा को तोडा

नई दिल्ली : यह कोई सुप्रीम कोर्ट की समरकालीन पीठ नहीं थी, फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के 1.72 लाख शिक्षकों के भविष्य को देखते हुए अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया अदालती समय सीमा लीक से हटकर शाम 4.10 बजे के बाद इस मामले की सुनवाई शुरू की जो 6 बजे तक चली. सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

उल्लेखनीय है कि शिक्षामित्रों की ओर से पेश सलमान खुर्शीद, अमित सिब्बल, नितेश गुप्ता, सहित अन्य वकीलों का कहना था कि शिक्षामित्र वर्षों से काम कर रहे हैं. वे अधर में हैं. इसलिए मानवीय आधार पर सहायक शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों के समायोजन को जारी रखा जाए. इसीके साथ संविधान के अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल कर शिक्षामित्रों को राहत प्रदान करने की मांग की गई।

बता दें कि जस्टिस आदर्श कुमार गोयल जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने बुधवार को सुनवाई की.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी पक्षकार लिखित रूप से अपना पक्ष रखना चाहता है वह एक हफ्ते के भीतर रख सकते हैं.सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.बता दें कि 12 सिंतबर 2015 को हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के करीब 1.70 लाख शिक्षामित्रों का सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन को निरस्त कर दिया था. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

Wednesday 17 May 2017

UPTET SHIKSHAMITRA: शिक्षामित्र केस में आज की सुनवाई का विवरण बिन्दुवार

  • शिक्षा मित्र मैटर पर आर्गुमेंट कंप्लीट। शिक्षा मित्र केस में WS दाखिल किया जा सकता है। अकेडमिक मैटर पर अगली सुनवाई 19 मई को 2 बजे से।

  • शिक्षा मित्र मामले पर आदेश रिजर्व। 7 दिन बाद जजमेंट रिलीज होगा। परसो 19 मई को बाकी मामले की सुनवाई होगी।
  • अगली तारीख शुक्रवार , सुनवाई दोपहर दो बजे से | एसएम केस लगभग समाप्त।
  • जूनियर और 16th अमेंडमेंट मामला 19 मई को

UPTET SHIKSHAMITRA: यूपी शिक्षामित्र मामलाः टेट पास शिक्षामित्रों ने जोरदार तरीके से रखा पक्ष, अगली डेट 19 मई


17 मई 2017: उत्तर प्रदेश में पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व जस्टिस यूयू ललित की पीठ में सुनवाई पूरे दो घंटे चली। सुनवाई करीब 4.15 पर शुरू हुई और करीब 6.15 पर खत्म हुई। कोर्ट ने कहा कि अभी इस मामले पर और पक्षों को भी सुना जाना बाकी है। अतः सुनवाई 19 मई को दोपहर दो बजे से होगी। 


टैट पास शिक्षामित्रों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता संजय त्यागी ने कहा कि यूपीटेट पास शिक्षामित्रों को छूट दी जाए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये लोग पूरी तरह लयोग्य हैं और इन्होंने टेट परीक्षा

UPTET SHIKSHAMITRA: शिक्षामित्रों के केस में आज की सुप्रीमकोर्ट की सुनवाई का सार


17 मई 2017: आज कोर्ट न0 5 में शिक्षामित्र मामले को विस्तार से सुना गया। न्यायमूर्ति महोदय ने सभी शेष पक्षकारों के बिन्दुओ को गौर से सुना। आज मा0 सुप्रीम कोर्ट शिक्षामित्र समायोजन केस पर कोई भी निर्णय नही दे सके। निर्णय को सुरक्षित करते हुए अगले 7 दिनों में शेष पक्षकारों के लिखित दस्तावेज जमा करने का आदेश किया। सुनवाई के 2 चरण पूर्ण हुए। अंतिम और तीसरा चरण अकादमिक भर्ती केस शुक्रवार 19 मई को 2 बजे से सुना जाएगा।

Tuesday 16 May 2017

Primary ka Master: पांचवीं के बाद फेल किए जा सकेंगे छात्र: RTE में संसोधन के लिए विधेयक तैयार


Teachers: शिक्षक प्रशिक्षण की धनराशि में गोलमाल

16 मई 2017: जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : ब्लाक संसाधन केंद्रों पर होने वाले सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण में बड़े पैमाने पर गोलमाल हो रहा है। निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना पैसा खर्च दिखाया जा रहा है। नामांकन व उपस्थिति में भी फर्जीबाड़ा हो रहा।

अमृतपुर निवासी अश्वनी कुमार ¨सह ने शिकायत की है कि राजेपुर के खंड शिक्षा अधिकारी शिवशंकर मौर्या ने प्राथमिक स्तर के गणित शिक्षकों के प्रशिक्षण में 71 हजार 200 रुपये हड़प लिए। आरंभिक गणित कौशल विकास के 4 दिवसीय

UPTET News: प्रदेश की योगी सरकार का बड़ा फैसला, 1.92 शिक्षकों को मिलेगा मानदेय


16 मई 2017: नव गठित विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सोमवार को माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों ने बड़ी जीत हासिल की। योगी सरकार ने उनका मानदेय बंद करने का फैसला वापस ले लिया है। सरकार चालू वित्त वर्ष में भी वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय के लिए 200 करोड़ रुपये देगी। शासन की ओर से इसकी घोषणा विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा अनिल कुमार बाजपेयी ने धरनास्थल पर की।


प्रदेश के 17551 मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों के 1 लाख 92 हजार 123 शिक्षकों को सपा सरकार ने मानदेय देने का फैसला किया था, लेकिन योगी सरकार ने

UPTET News: बच्चों को खिला न सके लौटा दिए करोड़ों रुपये:मिड डे मील का 6.95 करोड़ रुपये शासन को किया गया सरेंडर


16 मई 2017, कानपुर: मिड डे मील का हाल देखिए, स्कूलों में बच्चों को पेट भर भोजन न करा सके और करोड़ों रुपये सरकार को लौटा दिए। जांच में इसका खुलासा होने पर अब दोषी अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। वर्ष 2016-17 में मिड डे मील (एमडीएम) की परिवर्तन लागत के करोड़ों रुपये तीन जिलों कानपुर देहात, औरैया व फरुखाबाद ने शासन को सरेंडर कर दिए। एडी बेसिक की पड़ताल में मामला खुला तो उन्होंने तीनों जिलों के बीएसए से एक सप्ताह में कारण सहित जवाब मांगा है और पूरे मामले से संबंधित जिलों के डीएम व एमडीएम निदेशक को अवगत करा दिया गया है। दरअसल मिड डे मील में करोड़ों रुपये की धनराशि बच्चों को खाना बनाने के लिए उपलब्ध कराई जाती है। 

अफसरों का कहना है कि विभागीय नियमानुसार पूरी धनराशि का उपभोग तय समय में हो जाना चाहिए पर तीन जिलों में करोड़ों रुपये शासन को सरेंडर करना किसी के गले नहीं उतर रहा है। एडी बेसिक डॉ.फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि बीएसए का कारण संतोषजनक न हुआ तो कार्रवाई होगी।

72825 UPTET NEWS: मौलिक नियुक्ति की मांग पर प्रशिक्षु शिक्षक बैठे बेमियादी अनशन पर, सुप्रीमकोर्ट के आदेशानुसार मांगी नियुक्ति

UPTET News: परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के पद बढ़ने की जगी उम्मीद , एक माह में दूसरी बार शिक्षकों के पद निर्धारण का आदेश’


16 मई 2017: इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा अधिकारी विभाग के बड़े अफसरों की भी नहीं सुन रहे हैं। यही वजह है कि बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा को एक माह के अंदर दूसरी बार परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद निर्धारण करने का आदेश देना पड़ा है। नये सिरे से पदों का निर्धारण होने में शिक्षकों के पद बढ़ना तय माना जा रहा है। उम्मीद है कि शिक्षकों की भर्तियां और तैनात शिक्षकों के तबादले इसी रिपोर्ट के आधार पर हो सकेंगे।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद का फिर निर्धारण होना है। 2010 के बाद दो साल पहले यह प्रक्रिया शिक्षामित्रों के समायोजन के समय हुई, उसके बाद से प्रदेश भर में बड़ी संख्या में नए विद्यालय खुले हैं साथ ही सभी स्कूलों

गोरखपुर: बीएसए ओम प्रकाश यादव हुए निलंबित: छह विद्यालयों में मनमाने ढंग से लिपिकों की नियुक्ति करने का आरोप

16 मई 2017: गोरखपुर : उत्तर प्रदेश शासन ने गोरखपुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ओम प्रकाश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके ऊपर छह विद्यालयों में मनमाने ढंग से लिपिकों की नियुक्ति का गंभीर आरोप है। कई मामलों की जांच रिपोर्ट में भी अनियमितता पाई गई है। आरोप है कि बीएसए ने शिशु सेवा सदन कन्या जू.हा. दाउदपुर, गुलाब सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय समयथान भीटी बड़हलगंज, लाल बहादुर शास्त्री जूनियर हाईस्कूल दुर्गाबाड़ी गोरखपुर, राजेश मेमोरियल कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरहरी, स्वास्तिक पूर्व मा.वि धर्मशाला बाजार तथा राम प्रसाद बिस्मिल इंटर कालेज पांडेयपार में लिपिक पद पर अनियमित रूप से नियुक्ति की है।

UPTET News: शिक्षको से गैर शैक्षिण्क कार्य लेना बंद हो


Friday 12 May 2017

हरियाणा की ऑनलाइन शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी के मुरीद योगी, इसलिए पसंद आ रही शिक्षक तबादला नीति

12 मई 2017: चंडीगढ़ : तबादलों में भ्रष्टाचार का खेल खत्म करने के लिए हरियाणा की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी दूसरे राज्यों को भी रास आने लगी है। नित नई योजनाओं से दूसरे राज्यों को राह दिखा रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग में तबादला ‘व्यवसाय’ को खत्म करने के लिए मनोहर सरकार से सहयोग मांगा है। कर्नाटक सरकार पहले ही प्रदेश की नई तबादला नीति का अनुकरण कर रही है।

हरियाणा की शिक्षक तबादला नीति पर मंथन के बाद उप्र सरकार इसे पूरी तरह लागू करने की तैयारी में है। शुक्रवार को हरियाणा के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक वीरेंद्र सिंह सहरावत लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रेजेंटेशन देंगे। वहां के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव दीपेंद्र कुमार हरियाणा की नीति के तमाम पहलुओं की जानकारी हासिल करेंगे। हरियाणा ने पिछले साल ही शिक्षा विभाग में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी शुरू की थी।

इसलिए पसंद आ रही शिक्षक तबादला नीति :
पिछले साल जुलाई से लागू नई शिक्षक तबादला नीति में पूरी तरह पारदर्शिता अपनाई गई है। इसके तहत पांच साल से एक ही स्कूल में जमे मुख्याध्यापकों व शिक्षकों को अनिवार्य और तीन साल से कार्यरत शिक्षकों को ऐच्छिक रूप से सुगम पोर्टल पर तबादलों के लिए स्कूलों के विकल्प देने होते हैं। समानता और अध्यापकों के मांग आधारित वितरण के आधार पर यह नीति तैयार की गई ताकि बच्चों के शैक्षणिक हितों को सुरक्षित किया जा सके। रिक्तियों का सकेंद्रण केवल कुछ ही विद्यालय में न हो, इसके लिए सभी रिक्तियों को आनुपातिक रूप में विभाजित किया जाता है। सभी जिलों के सरकारी विद्यालयों को सात क्षेत्रों में विभाजित कर शिक्षकों को इच्छित विद्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा। इच्छित विद्यालय न मिलने पर ही उसे अन्य विद्यालयों में नियुक्ति किया जाता है।