Total Pageviews

Tuesday, 29 January 2013

प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाएंगे प्रोफेशनल डिग्री वाले

अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। बीटेक, बीबीए, बीसीए की डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी नहीं पाने वाले बेरोजगारों ने बीए-बीएससी वालों को शिक्षक भर्ती के लिए जारी रैंक से बाहर कर दिया है। बीटेक करने के बाद नौकरी नहीं पाने वाले युवाओं ने बीएड की डिग्री पूरी करके यूपी बोर्ड की ओर से 2011 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा भी पास करके शिक्षक भर्ती में अपनी अच्छी मेरिट के आधार पर दावा पेश किया। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए जारी रैंक में प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने वाले इन युवाओं की भरमार है। इससे पहले भी यूपी बोर्ड से पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थी सीबीएसई और आईसीएसई से पढ़ाई पूरी करने वाले आवेदकों के मुकाबले मेरिट में बाहर हो रहे थे। अब बीटेक, बीसीए, बीबीए डिग्री वालों के 80 से 90 फीसदी अंक के मुकाबले बीए, बीएससी में 70 से 75 फीसदी अंक पाने वाले भी मेरिट में काफी पीछे हो गए है। बीएड संघर्ष मोर्चा से जुड़े मंगल सिंह ने बताया कि लगातार तीन भर्ती परीक्षाओं से आवेदन कर रहे हैं, इस बार बीटेक वाले अभ्यर्थियों की अधिक मेरिट के कारण बहुत कम रैंक मिली है। बीटेक-बीसीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स में अच्छे अंक मिलने के कारण यह अभ्यर्थी मानविकी, विज्ञान सहित अन्य वर्ग के आवेदकों पर भारी पड़े हैं। इनके चयन के कारण मानविकी के अभ्यर्थियों को अच्छी रैंक नहीं मिल सकी है। सीबीएसई और आईसीएसई में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट में 90 से 95 फीसदी अंक मिलते हैं जबकि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में मेधावी छात्र को अधिकतम 80 फीसदी अंक ही मिल पाता है। इस कारण से यूपी बोर्ड से स्कूली शिक्षा पूरी करके बीए, बीएससी की पढ़ाई विश्वविद्यालयों से पूरी करने वाले अभ्यर्थियों की रैंक बहुत कम है।

No comments:

Post a Comment

Please do not use abusive language to comment. It can hurt anybody or any authority. You can use moderated way to express your opinion/anger. Express your views intelligently, So that others can take it seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।