आखिर क्यों: तीन दिन से यूपी का शिक्षक वर्ग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है और पुलिस की बर्बरता का शिकार हो रहा है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पोस्टेड विशिष्ट बीटीसी के टीचर्स ने शुक्रवार को मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। मंगलवार को वित्तविहीन शिक्षक मानदेय की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। गुरुवार को शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों को पुलिस ने घेर-घेरकर मारा, इन लोगों का कुसूर सिर्फ इतना था कि ये ज्वॉइनिंग लेटर की मांग कर रहे थे
बीटीसी टीचर्स कई मांगे लेकर विधानसभा पर प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। प्रदेशभर से करीब ढाई हजार टीचर्स इकट्ठे हुए थे। इसमें पुरानी पेंशन बहाल करने, दुर्गम ग्रामीण भत्ता देने जैसी कई मांगे शामिल थीं। तस्वीरों में देखिए पुलिस ने टीचर्स के साथ क्या सुलूक किया टीचर्स ने सांकेतिक गिरफ्तारी दे दी है।
प्रदर्शन कर रहे एक टीचर ने बताया कि 2 हजार लोगों में से आधे लोगों को पुलिस अपने साथ गाड़ियों में भर कर ले गयी। करीब ढाई तीन सौ लोगों को पुलिस लाइन लाया गया। टीचर के मुताबिक उनके साथ लाठीचार्ज भी किया गया।
टीचर्स के धरने की खबर लगते ही चारबाग के आसपास का इलाका छावनी में तब्दील हो गया।
बीते दिनों मानदेय को लेकर वित्तविहीन टीचर्स ने लखनऊ की सड़कों को जाम कर दिया था। बड़ी मशक्कत और आश्वासनों के बाद इन टीचर्स को समझाया जा सका।
वित्तविहीन टीचर्स के धरने के बाद लखनऊ की सड़कों की ये हालत हो गई थी।
ज्वॉइनिंग लेटर की मांग कर रहे टीचर्स को भी पुलिस ने घेर-घेरकर मारा था।
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