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Thursday, 18 December 2014

Breaking News- Supreme Court Final Order Regarding UPTET 72825 Vacancies

नई दिल्ली, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से लटकी पड़ी प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम आदेश में प्रदेश सरकार को छह सप्ताह में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सामान्य श्रेणी के जिन अभ्यर्थियों ने टीईटी परीक्षा में 70 फीसद या उससे अधिक तथा आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने 65 फीसद या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं उनकी नियुक्ति की जाए।

यह अंतरिम आदेश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्राइमरी शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जारी किया। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 72825 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का मामला 2011 से लटका पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने 25 मार्च के पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया है।

गत 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को हाई कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए तीन महीने में भर्ती करने का आदेश दिया था। उस आदेश में टीईटी के अंकों के आधार पर तो भर्ती होनी थी, लेकिन उसके लिए कोई कट आफ अंक तय नहीं थे जो कि आज के आदेश में 70 फीसद और 65 फीसद तय किए गए हैं।

कोर्ट ने राज्य सरकार को छह सप्ताह में आदेश पर अमल करके रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सरकार 25 फरवरी तक कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेगी। तभी कोर्ट प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों की ओर से दाखिल अपीलों पर सुनवाई करेगा। हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के मामले में सुनाए जाने वाले अंतिम फैसले के आधीन होंगी और नियुक्ति पाने वाले लोग बाद में किसी तरह के लाभ की मांग नहीं करेंगे।

यह है मामला
उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 2011 में 72825 पदों के लिए आवेदन मंगाए गए। उस समय टीईटी परीक्षा में हासिल अंकों के आधार पर भर्ती का फैसला किया गया, लेकिन 2012 में प्रदेश में सरकार बदल गई और नई सरकार ने भर्ती के नियमों में बदलाव कर दिया। बदले नियमों में भर्ती का आधार क्वालिटी मार्क्स रखे गए। जिनमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में प्राप्त अंको को भी टीईटी के साथ भर्ती का आधार माना गया। भर्ती नियमों में बदलाव को टीईटी पास कर चुके अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने भर्ती के नये नियम निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार को नये सिरे से टीईटी के आधार पर भर्ती करने का आदेश दिया। इस फैसले को प्रदेश सरकार ने व हाई कोर्ट के आदेश से प्रभावित हो रहे अन्य पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है

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