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Friday, 12 May 2017

शिक्षकों ने किया धरना, प्रदर्शन: अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा देने की भी मांग उठाई

12 मई 2017:वाराणसी : समान कार्य के लिए समान वेतन, पुरानी पेंशन योजना की बहाली सहित विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों ने गुरुवार को डीआइओएस कार्यालय पर दरी बिछा कर धरना-प्रदर्शन किया। वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा देने की भी मांग उठाई। शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा। 1सभा में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेशीय मंत्री व पूर्व शिक्षक विधायक डा. प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा कि सूबे में 18 हजार वित्तविहीन विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में 1.92 लाख शिक्षक बंधुआ मजदूर की भांति कार्य कर रहे हैं। कई विद्यालयों के शिक्षकों को न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन मिल रहा है। 1वेतन की मांग करने पर प्रबंधतंत्र उन्हें निकालने की धमकी देता है। जबकि वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक पूर्णकालिक शिक्षकों की भांति कार्य कर रहे हैं। ऐसे में समान कार्य के लिए समान वेतन का सिद्धांत वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों पर भी लागू किया जाय। अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह, संचालन जिलामंत्री माया शंकर यादव ने किया। धरने में अनिल कुमार श्रीवास्तव, नयन लाल मिश्र, विनोद कुमार पाठक, गिरिजेश तिवारी सहित अन्य लोग शामिल थे। 1सरप्लस शिक्षकों की सेवा खतरे में1वाराणसी : माध्यमिक विद्यालयों में छात्र अनुपात में सरप्लस शिक्षकों की सेवा खतरे में है। शासन ने डीआइओएस से छात्रसंख्या में अनुपात में सृजित पद व कार्यरत सहायक अध्यापकों का विवरण मांगा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक विभा शुक्ला ने विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों की सूची भी प्रेषित करने का निर्देश दिया है।

पूर्व शिक्षक विधायक डा. प्रमोद मिश्र ने बताया कि सरकार की योजना छात्र के सापेक्ष सरप्लस शिक्षकों को सेवानिवृत्त करने की है। माध्यमिक शिक्षक संघ इसका जोरदार विरोध करेगा। इस क्रम में बीएसए जय करन यादव ने बताया कि परिषदीय विद्यालय में मानक से कम छात्र होने पर हेडमास्टर पद समाप्त कर दिया जाता है। इसके स्थान पर प्रभारी नियुक्त करने का प्रावधान है। जुलाई से इसकी पड़ताल फिर से की जाएगी।

समान कार्य के लिए समान वेतन व पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग।
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ने सीएम को संबोधित डीएम कार्यालय को सौंपा
भ्रष्टाचार से मुक्त हों शिक्षा विभाग के दफ्तर।
स्थाई किए जाएं कंप्यूटर व व्यावसायिक शिक्षक।
राज्य कर्मचारियों के समान शिक्षकों को भी मिले चिकित्सा सुविधा।
प्रयोगशाला सहायक, सुरक्षा व सफाई कर्मियों की हो नियुक्ति।

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