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Tuesday, 9 May 2017

UPTET SHIKSHAMITRA शिक्षामित्र मामले सिविल अपील के सभी मामले निर्णीत होने के दो कदम की दूरी पर: अभी न तो कोई जीता

आज सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र पक्ष एवम उनके विरोधी पक्ष की सुनवाई हुई। जिसमें शिक्षामित्रों की तरफ से आर0 वेंकट रमणी,कपिल सिब्बल,मीनाक्षी लेखी,कोलिन गोंसाल्वेस प्रभावी बहस की। विरोधी पक्ष से अजीत सिंह,विभा मखीजा,आनंद नंदन,अमित पवन ने अभी समायोजन के विरुध्द दलील देकर याचियों को नियुक्त करने की अर्जी की। इसी बीच NCTE से सुप्रीम कोर्ट ने RTE एक्ट,NCTE एक्ट की विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की।
*चूंकि शिक्षामित्र केस के लगभग सभी पक्षकारों,विपक्षकारो ने अपना लिखित सबमिशन जमा कर दिया है, आज बहस इन्ही लिखित सबमिशन पर केंद्रित रही।*
सुप्रीम कोर्ट के पूंछे जाने पर राज्य सरकार ने SSA की पैब रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश में वास्तविक खाली पदों (लगभग डेढ़ लाख) का भी लिखित दस्तावेज प्रस्तुत किया।
इन्ही संख्या के आधार पर याची लाभ की जुगत लगाए बैठे साथियो के मन मे एक आशा की किरण जाग गयी। जो कि बिल्कुल निराधार है,क्योंकि राज्य सरकार अब 72825 से एक भी ज्यादा पद न भरने का हलफनामा दाखिल कर चुकी है।

शिक्षामित्र मामलों में दायर अभी कुछ SLP अवशेष होने, वरिष्ठ अधिवक्ताओ के सुने जाने के  निवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने शेष बची याचिकाओ को 17 मई/18 मई में विशेष बेंच में सायं 4 बजे से सुने जाने की तिथि व समय मुकर्रर किया।

शिक्षामित्र केस में अभी कोई भी संभावना व्यक्त नही की जा सकती,लेकिन सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति महोदय ने कुछ सकारात्मक टिप्पणी जरूर की थी। लेकिन जब बात तथ्यों और कानूनों पर अवतरित हो तो कोई भी भविष्यवाणी नही की जा सकती।

शिक्षामित्र समायोजन मामला निर्णीत होने पर करीब 99 हजार अकादमिक भर्ती केस सुना जाएगा,जिसे आज न्यायमूर्ति महोदय ने स्वयं कहा।

अभी न तो कोई जीता, और न ही कोई हारा,लेकिन सिविल अपील अपने अंतिम चरण में जरूर है........

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