Total Pageviews

Thursday, 4 May 2017

बीटीसी कालेजों से फर्जी अनुमोदन पर मांगी मान्यता

04 मई 2017, राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक टीचर्स ट्रेनिंग (बीटीसी) कॉलेज अब मान्यता पाने के लिए फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छह निजी कॉलेज मान्यता पाने की धांधली में फंस गए हैं। इन कॉलेजों के संचालक परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र से संकाय सदस्यों का बिना अनुमोदन हासिल किए ही मान्यता पाने की जुगत में लग गए। कॉलेजों ने एनसीटीई यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को फर्जी पत्र तक भेज दिया लेकिन, जांच में सभी बेनकाब हो गए हैं।

प्रदेश में बेसिक शिक्षकों को तैयार करने के लिए इधर कुछ वर्षो से निजी कॉलेजों को बीटीसी की संबद्धता दी जा रही है। इसके लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र इलाहाबाद बाकायदे हर साल विज्ञापन जारी करके आवेदन मांगता है और संबद्धता की सारी शर्ते पूरी करने वालों को अनुमति दी जाती है। इसी बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ व पश्चिम के मेरठ के छह कॉलेजों ने अपने संकाय सदस्यों का अनुमोदन कराए बिना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई को फर्जी पत्र भेज दिया था। दरअसल, मंगलवार को ही मान्यता की अंतिम तारीख थी। एनसीटीई को इन कालेजों के अनुमोदन पत्र पर शक हुआ तब उन्होंने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह को ई-मेल भेजकर उनका सत्यापन करने के लिए कहा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की जांच में पता चला कि छह में से किसी कॉलेज ने संकाय सदस्यों का अनुमोदन ही नहीं लिया है। 

सचिव डॉ. सिंह ने बताया कि उन्होंने संकाय शिक्षक अनुमोदन के लिए अब आधार कार्ड नंबर अनिवार्य कर दिया है। जितने भी कॉलेजों ने एनसीटीई को अनुमोदन पत्र भेजा उन सभी में आधार नंबर लिखा था, लेकिन इन छह कॉलेजों में आधार नंबर नहीं था। एनसीटीई की शक का यही आधार बना। सचिव ने एनसीटीई की उत्तर क्षेत्रीय समिति के क्षेत्रीय निदेशक को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि इन छह संस्थानों के संकाय सदस्यों का अनुमोदन उनके यहां से नहीं दिया गया है। साथ ही फर्जी अनुमोदन पत्र प्रस्तुत देने के लिए इन संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है।

No comments:

Post a Comment

Please do not use abusive language to comment. It can hurt anybody or any authority. You can use moderated way to express your opinion/anger. Express your views intelligently, So that others can take it seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।