अमर उजाला, अलीगढ़। गुरुवार की सुबह बीएसए दफ्तर में आग लग गई। आग दो कमरों में लगी। कमरों में शिक्षामित्रों के मूल प्रमाण पत्र और फोटो कापी रखी हुई थीं। आग सुबह सात बजे लगना बताया जा रहा है। इन दिनों दफ्तर में शिक्षामित्रों के शिक्षक बनने की प्रक्रिया चल रही है। शिक्षामित्रों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज भी सामने आए हैं। बीएसए एसपी यादव की मानें तो आग सुबह दफ्तर की ऊपरी मंजिल पर लगी। ऊपरी मंजिल के दो कमरे आग की चपेट में आ गए। नाइट ड्यूटी कर रहे दुष्यंत सिंह ने बताया कि सुबह करीब साढ़े सात बजे ऊपरी मंजिल के कमरों में धुआं उठता देखा। इसकी जानकारी दूसरे साथी नरेंद्र को दी। दोनों आग बुझाने में जुट गए। धुआं अधिक होने के चलते आग पर काबू पाने में दिक्कत आ रही थी।
एक घंटे बाद साढ़े आठ बजे के करीब 100 नंबर और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जैसे-तैसे आग पर काबू पाया गया। सूचना पाकर बीएसए भी नौ बजे दफ्तर पहुंच गए। बीएसए ने बताया कि दोनों ही कमरों में शिक्षामित्रों का रिकॉर्ड रखा हुआ था। एक कमरे में जिलेभर के करीब 2660 शिक्षामित्रों के चयन से संबंधित दस्तावेजों की फोटो कॉपी रखी हुई थी। वहीं दूसरे कमरे में हाल ही में शिक्षामित्र से शिक्षक बनने वाले 917 शिक्षामित्रों के मूल प्रमाण पत्र से संबंधित फाइलें रखी हुईं थी। शिक्षामित्र से शिक्षक बनाने की प्रक्रिया के दौरान इन दिनों प्रमाण पत्रों के सत्यापन का काम चल रहा था। फोटो कॉपी वाला 70 प्रतिशत रिकॉर्ड जल गया है। बचा हुआ 30 प्रतिशत पानी में पूरी तरह से भीग गया है। वहीं मूल प्रमाण पत्र वाले में सिर्फ 10 प्रतिशत रिकॉर्ड ही जला है। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। चौकीदार और शिक्षमित्रों का काम देख रहे बाबू रामगोपाल से पूछताछ की।
अलीगढ़ आैर आगरा में दर्जनों शिक्षामित्रों के फर्जी दस्तावेज
गोपनीय एसआईटी कर रही है शिक्षामित्र फर्जीवाड़े की जांच
अलीगढ़। आगरा-अलीगढ़ में दर्जनों शिक्षामित्रों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। शिक्षामित्रों की हाईस्कूल-इंटर की मार्कशीट फर्जी हैं। खुलासे के बाद भी फर्जीवाड़े को छिपाया जा रहा था। शिक्षामित्रों को शिक्षक पदों पर समायोजित किया जा रहा था। शिकायत के बाद गोपनीय एसआईटी मामले की जांच कर रही है। अमर उजाला के हाथ फर्जीवाड़े के सबूत लगे हैं। अलीगढ़ में 43, आगरा में 38 शिक्षामित्रों की हाईस्कूल-इंटर कीे मार्कशीट फर्जी पाई गई हैं। शिक्षामित्रों के मूल प्रमाण पत्रों का उनके चयन के समय दिए गए प्रमाण पत्रों से मिलान नहीं हो पा रहा है। नंबरों में खासा फर्क है। जन्मतिथि भी अलग-अलग है। जिलास्तर पर ऐसे शिक्षामित्रों को चिन्ह्ति किया जा चुका है। बीएसए दफ्तर ने लिस्ट भी तैयार कर ली है।
अलीगढ़ में तो 43 शिक्षामित्रों को पत्र भेजकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। लेकिन उसके बाद मामले में लीपापोती शुरू हो गई। सूत्रों की मानें तो चिन्ह्ति किए गए शिक्षामित्रों को शिक्षक पदों पर समायोजित किया जाने लगा। आगरा में 23 शिक्षामित्रों को समायोजित किए जाने की शिकायत की गई है। एक सपा विधायक के पत्र पर एक व्यक्ति ने आगरा-अलीगढ़ की शिकायत शासन को भेजी है।
शिकायत के साथ फर्जीवाड़े से संबंधित कुछ सबूत भी लगाए गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने जांच के लिए गोपनीय एसआईटी का गठन किया है।
एसआईटी में बरेली, कानपुर के एक-एक अधिकारी तो एक जिले का बाबू भी शामिल है। एसआईटी ने 24 जनवरी से अपनी जांच शुरू कर दी थी। जांच की आंच बीएसए दफ्तरों तक पहुंचने लगी थी। लेकिन उससे पहले ही अलीगढ़ के बीएसए दफ्तर में आग लग गई।
सुलगते सवाल: शिक्षामित्रों के प्रमाण पत्रों की चल रही थी जांच
ये हैं अलीगढ़ के शिक्षामित्र
सुनीता देवी गढ़ी सूरजमल टप्पल,
बिरम सिंह कृपालपुर टप्पल,
ओमवीर करनपुर टप्पल,
जितेंद्र कुमार धाधौली टप्पल,
कमलेश पखोदना टप्पल,
सुषमा चौधरी सूरजा गोंडा,
नाहर सिंह भुरियागढ़ी गोंडा,
भरतसिंह नुनेरा गोंडा,
मुकेश कुमार निधौली गोंडा,
महावीर प्रसाद दातऊ गोंडा,
सत्यराम सिंधौली कलां गंगीरी,
विजय कुमार फतेहपुर इगलास,
कमलेश सबलपुर चंडौस,
ममता दौलताबाई इगलास।
आग पर यह उठ रहे सवाल
अज्ञात लोगों के खिलाफ घटना की तहरीर थाने में दे दी गई। लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों को भी आग की घटना से अवगत करा दिया है। रात में चौकीदारी करने वालों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। आग से बच गए रिकॉर्ड को सुरक्षित रखवा दिया गया है। - एसपी यादव, बीएसए
43 शिक्षामित्रों की लिस्ट कहां है
घटना स्थल पर पहुंचे अधिकारियों के बीच भी 43 शिक्षामित्रों की लिस्ट चर्चा में रही। हर आने वाला अधिकारी और जनप्रतिनिधि लिस्ट की चर्चा कर रहा था। यह वो लिस्ट है जिसमें फर्जी दस्तावेज वाले शिक्षामित्रों का नाम शामिल है।
फायर प्वाइंट का छत से बंद था पानी
नाइट ड्यूटी पर तैनात दुष्यंत ने बताया कि सीढ़ियाें पर बने फायर प्वाइंट चलाने चाहे तो उसमें पानी नहीं था। पाइप का पानी छत पर बनी टंकी से बंद था। आग बुझाने वाले सिलेंडर भी खाली रखे हुए थे। जानकारों की मानें तो फायर प्वाइंट वाले पाइपों में 24 घंटे पानी चालू रखा जाता है।
बेसिक शिक्षा सचिव तक पहुंची शिकायत
रालोद विधायक ठाकुर दलवीर सिंह ने बीएसए दफ्तर का दौरा करते हुए इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा से बात की। वहीं शिकायत करते हुए इसे एक साजिश बताया। विधायक प्रवक्ता सुशील ने बताया कि शिकायत के संबंध में सचिव को फैक्स द्वारा पत्र भी भेजा गया है।
पुलिस ने रात में की पूछताछ
रात आठ बजे करीब पुलिस शिक्षामित्र बाबू रामगोपाल, रात में चौकीदारी कर रहे दुष्यंत और नरेंद्र को थाने ले आई। आग लगने की घटना के संबंध में पूछताछ शुरू कर दी।
टाइम लाइन
7.30 बजे चौकीदार ने धुआं देखा
8.30 बजे फायर ब्रिगेड और 100 नंबर पर सूचना दी गई
9.00 बजे बीएसए दफ्तर में पहुंचे 10.00 बजे इलाका पुलिस पहुंची
10.45 बजे फायर ब्रिगेड वापस गई
11.00 बजे शिक्षामित्र इकट्ठा हुए
2.30 बजे एसएसपी पहुंच गए
4.00 बजे सिटी मजिस्ट्रेट आए
बीएसए दफ्तर में अग लगने की सूचना हमें 9:15 बजे मिली थी। नुमाइश मैदान पर हमारी गाड़ी खड़ी हुई थी। तुरंत मौके के लिए रवाना कर दी गई। पांच-छह मिनट में गाड़ी पहुंच गई थी। - मुहम्मद शाहिद, चीफ फायर अफसर।
डीएम ने दिए आग लगने की जांच के आदेश
अलीगढ़। बीएसए दफ्तर में लगी आग से प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। गुरुवार को एडीएम सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट बीएसए दफ्तर पहुंच गए। घटना स्थल का निरीक्षण किया। एसएसपी रविंद्र जे गौड़ और सपा के कोल विधायक हाजी जमीरउल्लाह ने भी घटनास्थल का दौरा किया। वहीं डीएम अभिषेक प्रकाश ने आग लगने के कारणों की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। घटना की जांच सिटी मजिस्ट्रेट संतोष कुमार राय करेंगे। डीएम का कहना है कि आग लगने के सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए जांच की जाएगी।
प्रमाण पत्रों की जांच का तरीका
917 शिक्षामित्रों से उनके मूल प्रमाण पत्र लिए गए थे। यह सभी शिक्षामित्र शिक्षक के पद पर समायोजित किए जा रहे हैं। बीएसए दफ्तर में रखे फोटो कॉपी वाले रिकॉर्ड से मूल प्रमाण पत्रों का मिलान किया जा रहा था। 43 शिक्षामित्र ऐसे थे जिनकी हाईस्कूल और इंटर की मार्कशीट के नंबर फोटो कॉपी वाले रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे थे।
समायोजन प्रक्रिया के दौरान हमने 43 शिक्षामित्र चिन्ह्ति किए थे। सभी के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। एक समिति जांच कर रही है। - एसपी यादव, बीएसए अलीगढ़
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