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Friday, 2 January 2015

डायट प्राचार्यों की गंभीरता पर भी उठे सवाल

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती को लेकर डायट प्राचार्य कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के स्पष्ट निर्देश के बाद भी लखनऊ समेत 43 जिलों ने पात्रों के नाम नहीं भेजे।

एससीईआरटी निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने हर हाल में
पात्रों के नाम भेजने को कहा था जिससे नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया शुरू कराई जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने 31 जनवरी तक हर हाल में सामान्य वर्ग के 70 फीसदी और आरक्षित वर्ग के 65 फीसदी अंक वालों को प्रशिक्षु शिक्षक का पात्र मानते हुए नियुक्ति पत्र देने का निर्देश दिया है।

इसके बाद उन्हें एक सप्ताह के अंदर जॉइन करना अनिवार्य होगा। इसके आधार पर एससीईआरटी ने 26 दिसंबर को डायट प्राचार्यों को निर्देश दिया था कि सोमवार सुबह 11 बजे तक तीन चरणों की काउंसलिंग में पात्र पाए गए अभ्यर्थियों के नाम भेज दिए जाएं।

इन जिलों में हुई गड़बड़ी

तीन चरणों की काउंसलिंग में पात्रों के नाम इसलिए मंगवाए गए थे जिससे नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) के इनके नामों का मिलान कराने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र देने का आदेश दिया जा सके। इसके बावजूद मात्र 32 जिलों ने पात्रों के नाम बताए। 43 जिलों ने नाम नहीं भेजे।

लखनऊ, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, अंबेडकर नगर, फैजाबाद, श्रावस्ती, सीतापुर, अमरोहा, आगरा, औरैया, आजमगढ़, बांदा, बरेली, बस्ती, बिजनौर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, हमीरपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रामपुर, सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर, शामली व सिद्धार्थनगर।

अब इन जिलों की लापरवाही के चलते प्रशिक्षु शिक्षकों का नियुक्ति पत्र फिर से अटक सकता है। गौरतलब है कि ये प्रक्रिया कई सालों से यूं ही लटकी हुई है। शिक्षक इसको लेकर लगातार आंदोलन भी कर रहे हैं।

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