Total Pageviews

Thursday, 22 January 2015

नियुक्ति पत्र को नहीं समझें नौकरी की गारंटी, परीक्षा पास करने पर ही बनेंगे अध्यापक

लखनऊ यूपी सरकार द्वारा बांटे जा रहे नियुक्ति पत्र को नौकरी की गारंटी समझना थोड़ी जल्दबाजी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रशिक्षण के लिए बांटे जा रहे नियुक्ति पत्र के बाद छह महीने की प्रशिक्षण अवधि को पूरा करना होगा। प्रशिक्षण अवधि पूरी होने के बाद प्रस्तावित परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद ही सहायक अध्यापक बन सकेंगे। बीते 19 जनवरीसे 72,825 रिक्त पदों पर प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि छह महीने के प्रशिक्षण के लिए बांटे जा रहे इस नियुक्ति पत्र को मानदेय शिक्षक के तौर पर माना जाएगा। इसके तहत महज 7300 रुपए ही मानदेय के रूप में दिए जाएंगे। छह महीने के प्रशिक्षण में प्रशिक्षुशिक्षकों को तीन महीने तक विद्यालय में रहना होगा।
इसी क्रम में तीन महीने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय में प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। प्रशिक्षण की अवधि पूरा होने के बाद एक परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। प्रस्तावित परीक्षा को पासकर लेने के बाद ही प्रशिक्षु शिक्षक सहायक अध्यापक बन पाएंगे।परीक्षा के लिए मिलेंगे दो मौकेप्रशिक्षु शिक्षकों की प्रशिक्षण अवधि पूरा होने के बाद आयोजित परीक्षा में यदि प्रशिक्षु शिक्षकफेल हो जाते हैं तो ऐसे शिक्षकों को एक बार और मौका दिया जाएगा। ऐसे शिक्षकों की परीक्षाएं दोबारा दूसरे ग्रुप के शिक्षकों के साथ लीजाएंगी। ऐसे में दूसरे ग्रुप में पहले बैच के फेल छात्रों को सीनियरहोने के बावजूद सबसे नीचे रखा जाएगा।

अभ्यर्थी यदि दूसरी बार भी परीक्षा में फेल हो जाते हैं तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। ऐसे में इस नियुक्ति पत्र को अभ्यर्थी नौकरी की गारंटी नहीं समझें।बीएड अभ्यर्थी बन रहे शिक्षकबेसिक शिक्षा परिषद के तहत शिक्षकों की योग्यता बीटीसी है। इनमें विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी उर्दू योग्यताधारी शिक्षक ही रखे जाते हैं।
ऐसे में राज्य में शिक्षकों के चल रहे रिक्त पदों को देखते हुए यूपी सरकार की तरफ से बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने की अनुमति मांगी गई थी। इस पर केंद्र सरकार ने इस शर्त के साथ अनुमित दी थी कि सहायक अध्यापक के लिए बीएड अभ्यर्थियों को अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा पास करने के बाद मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। इसके बाद छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही परीक्षा पास करने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती की जाएगी।
भर्ती को लेकर रहा उतार-चढ़ावबसपा शासन काल में 27 नवंबर 2011 को यूपी में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 72,825 पद सृजित करते हुए आवेदन मांगे गए थे।इस भर्ती प्रक्रिया के अनुसार टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। समय के साथ सरकारबदली और नई सरकार ने प्राथमिकता हीबदल दी।
इसके विरोध में हाइकोर्ट दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया पूरी किए जाने का आदेश दिया था। लेकिन मामले में सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया को पूरा किए जाने का निर्देश दिया था।इसी आदेश के तहत यह नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं।नियुक्ति के लिए लगा रहे जुगाड़छह महीने के प्रशिक्षण की अवधि के शुरुआत में तीन महीने तक विद्यालयों में तैनाती को लेकर प्रशिक्षु शिक्षक जुगाड़ में जुट गए हैं। इनमें महिला अभ्यर्थियों को राज्य सरकार की ओर से पहले ही छूट प्राप्त है। वहीं, पुरुष प्रशिक्षु शिक्षक अपनी तैनाती को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
एक महीने के अंदर बनेंगे सहायक अध्यापकइस बारे में शिक्षा एवं प्रशिक्षण अनुसंधान निदेशालय के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि प्रशिक्षण अवधि पूरा करने के बाद आयोजित प्रवेश परीक्षा को पास कर लेने के एक महीने के अंदर सहायक अध्यापक के पदों पर तैनाती की जाएगी। यदि परीक्षा पास नहीं करते हैं तो दोबारा मौका मिलने के बाद असफल पाए जाने पर बाहर कर दिया जाएगा।

No comments:

Post a Comment

Please do not use abusive language to comment. It can hurt anybody or any authority. You can use moderated way to express your opinion/anger. Express your views intelligently, So that others can take it seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।