Total Pageviews

Sunday, 8 February 2015

..आखिर सवालों पर इतने सवाल क्यों

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पारदर्शिता का संदेश देने की कोशिश में उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग ने पहले चरण की परीक्षा की आनन-फानन 'आंसर की' क्या जारी कि मानो खुद के लिए आफत मोल ले ली। इतनी आपत्तियां आईं कि जवाब देना मुश्किल हो गया।

आखिरकार अब आयोग ने अपनी तेजी से तौबा कर ली। तय हुआ है कि परीक्षाओं का सभी चरण पूरा करने के बाद ही अब आंसर की जारी की जाएगी। यह हाल माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का भी है।

प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक परीक्षा (टीजीटी) की आंसर की उसके गले में अटक सी गई है। हर विषय में आपत्तियों की भरमार है। यहां तक कि अभ्यर्थियों ने शारीरिक शिक्षा जैसे विषय में एक दर्जन से अधिक सवालों पर बोर्ड को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को अपने प्रश्नों के गलत विकल्पों की वजह से पूर्व में हाईकोर्ट तक में किरकिरी झेलनी पड़ चुकी है। कर्मचारी चयन आयोग को भी फजीहत का सामना करना पड़ चुका है।

परीक्षा संस्थाओं की इस छीछालेदर के पीछे की वजह विशेषज्ञों के पैनल की कमजोरी को माना जा रहा है।

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के पूर्व सदस्य अमरेश त्रिपाठी 'निराला' भी इससे इत्तफाक रखते हैं। हालांकि वे इसके अन्य कारण भी गिनाते हैं। उनके अनुसार आयोग का गठन पूरी तरह होना चाहिए। अध्यक्ष, सचिव के साथ परीक्षा नियंत्रक पद पर किसी की नियुक्ति होनी चाहिए। इससे जिम्मेदारियां तय होती हैं। इसका परीक्षा पर असर पड़ता है। अमरेश के अनुसार आयोग पहली बार परीक्षा ले रहा है, इसलिए उसे प्रश्नपत्रों को लेकर अधिक गंभीरता बरतनी चाहिए थी।

अभ्यर्थियों की समस्या यह है कि प्रश्नपत्रों में जो सवाल पूछे जा रहे हैं, उनके उत्तरों को लेकर भ्रम की स्थिति है। ऐसी दशा में उनका भविष्य पूरी तरह आपत्तियों के बाद उस पर फैसला लेने वाले विशेषज्ञों के हाथ में हो जाता है। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के सदस्य रहे सतीश दुबे कहते हैं कि परीक्षा संस्थाएं अक्सर इसकी जिम्मेदारी किसी एजेंसी को सौंप कर निश्चिंत हो जाती हैं, जिससे सवालों को लेकर भ्रम खड़ा हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि परीक्षा प्रक्रिया को लेकर शुरू से ही सावधानी बरती जाए। हालांकि वह आंसर की जारी करने को स्वस्थ परंपरा मानते हैं।

उनके अनुसार इससे छात्रों को स्वयं के आकलन का अवसर मिल जाता है। लेकिन यदि बड़ी संख्या में सवालों पर उंगलियां उठ रही हैं तो निश्चित तौर पर इसके लिए परीक्षा संस्था को ही जिम्मेदार माना जाना चाहिए

1 comment:

  1. दोपहर समाचार - ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - 11 Feb 2015

    40 शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्रों का फर्जी सत्यापन : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    परिषदीय छात्रों को भी स्काउट-गाइड प्रशिक्ष्‍ाण्‍ा , तैयार की गई रूपरेखा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण पर बैठक 23 को : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    जिनकी हुई काउंसिलिंग, उन्हें दें नियुक्ति पत्र : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    22 सौ टीचर बनेंगे कक्ष निरीक्षक : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    Varansi Updates : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    3rd Merit after Govt Order : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    काउंसलिंग करा चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे सरकारः हाईकोर्ट

    UPTET News from News papers : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप हो शिक्षक भर्ती प्रक्रिया : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    सीतापुर updates - 2888 अभ्यर्थियों को आज बंटेंगे लेटर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    आज होगी प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की समीक्षा सभी को नहीं मिले नियुक्ति पत्र

    59 फर्जी लोगों पर हो सकती है कार्यवाही : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News 11/02/2015

    ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - 11 Feb 2015

    ReplyDelete

Please do not use abusive language to comment. It can hurt anybody or any authority. You can use moderated way to express your opinion/anger. Express your views intelligently, So that others can take it seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।