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Saturday, 21 February 2015

मजाक बनी टीजीटी, संस्कृत के सवाल भी गलत

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक परीक्षा (टीजीटी) अपने सवालों की वजह से मजाक बनकर रह गई है। तमाम विषयों के सवालों पर आपत्तियों की श्रृंखला में अब संस्कृत विषय भी जुड़ गया है। इससे पहले अभ्यर्थी चित्रकला, शारीरिक शिक्षा और सिलाई विषय में पूछे गए सवालों पर भी बोर्ड को कटघरे में ला चुके हैं।

टीजीटी में संस्कृत विषय की परीक्षा 8 फरवरी को हुई थी। बोर्ड की ओर से जारी आंसर की से मिलान करने पर अभ्यर्थियों ने पाया कि लगभग दस सवाल ऐसे हैं, जिसमें सही उत्तर नहीं दर्शाए गए।
अभ्यर्थियों में एक डॉ. आरसी शुक्ल ने बुक सीरीज सी के दस सवाल और उनके उत्तरों की सूची बनाकर बोर्ड को सौंपी है। उन्होंने इस बात के साक्ष्य भी संलग्न किए हैं सही उत्तर क्या होना चाहिए। इसी तरह देवरिया से आये पंकज मणि त्रिपाठी ने भी बोर्ड को आपत्तियों का विवरण बनाकर दिया। उनके अनुसार एक सवाल के तो सारे ही विकल्प गलत दिए गए। अभ्यर्थियों ने बताया कि बोर्ड में तमाम आपत्तियां दाखिल हुई हैं। बोर्ड ने अभी संशोधित आंसर की नहीं जारी की है। इस वजह से अभ्यर्थियों में अपने नंबरों को लेकर भ्रम बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि चित्रकला विषय में दो अभ्यर्थियों ने एक ही सीरिज की बुकलेट में प्रश्नों के अलग-अलग क्रमांक को लेकर आपत्ति दाखिल की है और बोर्ड से पूछा है कि उन्हें बताया जाए कि इसका अंक निर्धारण किस प्रकार किया जाएगा। सिलाई विषय के छह सवालों पर भी उंगलियां उठाई गई हैं।

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