अमर उजाला ब्यूरो, बलरामपुर। दूसरे चरण में टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर 19 प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है। पहले चरण के 23 प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने के बाद टीईटी प्रमाणपत्र में हेराफेरी पकड़ी गई थी। सभी खंड शिक्षाधिकारियोंको प्रशिक्षु शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया है।
बीएसए जय सिंह ने गुरुवार को बेसिक शिक्षा कार्यालय में आयोजित बैठक में कहा कि प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की तैनाती के लिए वर्ष 2011 में टीईटी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। न्यायालय से भर्ती के लिए मेरिट निर्धारित करने के आदेश के बाद टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की चार काउंसलिंग कराई गईं। इसके बाद दो चरणों में प्रशिक्षु शिक्षकाें को नियुक्ति पत्र दिए गए। प्रथम चरण में 1302 के सापेक्ष 357 प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। नियुक्ति पत्र लेने वाले अभ्यर्थियों के टीईटी प्रमाणपत्रों को शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग की साइट पर अपलोड कर दिया। सूची का मिलान करने पर 23 अभ्यर्थियों के टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियोंको प्रथम चरण में नियुक्ति पत्र लेने वाले इन 23 प्रशिक्षु शिक्षकाें के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने ये भी कहा कि दूसरे चरण में 1087 के सापेक्ष 499 प्रशिक्षु शिक्षकाें ने नियुक्ति पत्र लेकर स्कूलों में जॉइन कर लिया। शासन द्वारा विभाग की साइट पर सूची अपलोड करने के बाद दूसरे चरण में भी 19 प्रशिक्षु शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। प्रमाणपत्र फर्जी होने के कारण इन 19 प्रशिक्षु शिक्षकाें को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया।
बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियोंको शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों का वेतन भुगतान कराने के लिए सत्यापन प्रक्रिया शीघ्र पूरी कराने का निर्देश दिया है। इस दौरान बीईओ हृदय शंकर लाल श्रीवास्तव, सुंदरलाल रावत, जितेंद्र बहादुर चौधरी, उदयभान यादव, रणजीत, कपिलदेव आदि मौजूद रहे। पहले चरण में 23 के फर्जी मिले थे सर्टिफिकेट।
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