सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा विभाग व संगठन के बीच परिषदीय अध्यापक पिस रहे हैं। फरवरी की दस तारीख बीत रही है और अभी तक जनवरी महीने के वेतन का कुछ पता नहीं है। जबकि माह की पहली तारीख को ही वेतन भुगतान हो जाया करता था। तनख्वाह न मिलने से आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।
परिषदीय विद्यालय के अध्यापकों का वेतन भुगतान माह की पहली तारीख को हो जाया करता था, परंतु इस बार दूसरे महीने में दस दिन बीत चुका है, वेतन का कुछ पता नहीं है। बताया जाता है कि प्राशिसं इस बात पर अड़ा हुआ है कि समायोजित शिक्षा मित्रों के साथ शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जाए, जिस पर बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तरह असहाय नजर आ रहा है। सवाल यह उठता है कि जब प्रक्रिया चल ही रही तो फिर अध्यापकों का वेतन रोकने से क्या लाभ? संगठन व विभागीय अफसरों को इस बात की जरा भी फिक्र नहीं कि समय से वेतन न मिलने बहुत सारे अध्यापकों को परिवार का जीवकोपार्जन चलाने में किस प्रकार दिक्कतें आ रही हैं। अष्टभुजा पाण्डेय, मिर्जा महबूब हसन, मो. सलीम, बशीर अहमद सहित दर्जनों शिक्षकों ने वेतन भुगतान की दिशा में जिलाधिकारी से प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
इस बारे में वित्त एवं लेखाधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार उपस्थिति प्रपत्र देर में जमा किया गया, अध्यापकों की सेवा पुस्तिका आदि कार्यो में थोड़ा वक्त लग रहा है, उम्मीद है कि दो दिनों के अंदर वेतन भुगतान हो जाएगा।
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