कानपुर, जागरण संवाददाता : इंजीनिय¨रग की पढ़ाई करने के बाद छात्रों के सामने सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के रास्ते खुल गए हैं। नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने उन्हें प्रवेश देने की स्थिति स्पष्ट करते हुए प्रवेश प्रक्रिया में शामिल कर लिया है। दरअसल पिछले वर्ष तक साधारण स्नातक पास छात्र ही बीएड की पढ़ाई करने को आगे आ रहे थे।
बीटेक के छात्रों के लिए बीएड में प्रवेश प्राप्त करने की योग्यता न्यूनतम 55 फीसद अंक रखी गई है जबकि साधारण स्नातक विषयों के साथ 50 फीसद अंक प्राप्त करने वाले छात्र बीएड के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के फार्म भर सकते हैं। बीटेक के छात्रों के लिए फार्म भरने के नियम स्पष्ट होने के बाद अब उनकी संख्या बढ़ रही है।
प्लेसमेंट में गिरावट आने से बीएड की ओर कर रहे रुख :
ब टेक कॉलेजों में प्लेसमेंट गिरने से बीएड की ओर छात्रों का रुझान बढ़ रहा है। आईआईटी समेत कुछ अन्य टॉप क्लास इंस्टीट्यूट को छोड़ दें तो अन्य संस्थानों में प्लेसमेंट गिरा है। ऐसे में छात्रों के सामने बीएड एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है।
इससे इंजीनिय¨रग के बाद उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में भी मौका मिलेगा। बीएड में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आवेदन फार्म मिलने शुरू हो चुके हैं।
अभ्यर्थी सात मार्च तक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
स्क लों को मिलेंगे अच्छे शिक्षक :
उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि अभी तक बीटेक समेत अन्य प्रोफेशनल कोर्स के छात्रों की संख्या का न्यूनतम प्रतिशत ही बीएड में प्रवेश लेता था। लेकिन एनसीटीई के नियम के बाद स्थिति बदल गई हैं। बीटेक के छात्र प्रवेश के लिए आ रहे हैं। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के लिहाज से यह अच्छा है।
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