निचली मेरिट वालों से भरें खाली पद
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में दो चरणों में नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद भी जिन जिलों में पद खाली रह गए हैं, उनमें इन पदों को भरने के लिए मेरिट में निचले स्थान पर रहे अभ्यर्थियों को मौका देने का निर्देश दिया गया है। शर्त यह होगी कि खाली पदों को भरने में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशानुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा-2011 में सामान्य वर्ग में 70 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग में 65 फीसद से कम अंक पाने वाले मौका नहीं दिया जाएगा।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की समीक्षा के लिए बुधवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में बुलायी गई सभी बीएसए और डायट के प्राचार्यो को सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने यह निर्देश दिया है। बैठक में बताया गया कि सभी जिलों में अब तक 42500 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किये गए हैं। इनमें से 41612 अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षु शिक्षक का कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
सिद्धार्थनगर, देवरिया, जालौन, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, लखीमपुर खीरी आदि जिलों में पद खाली रह गए हैं। टीईटी-2011 में सामान्य वर्ग के लगभग 56 हजार ऐसे हैं जिनके 105 या उससे अधिक अंक हैं।
वहीं आरक्षित वर्ग के 90 हजार अभ्यर्थी हैं जिनके 97 या उससे अधिक अंक हैं। इसलिए अभी मेरिट गिरने की गुंजायश है।
सचिव बेसिक शिक्षा ने निर्देश दिया कि नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के बाद भी यदि एक हफ्ते की निर्धारित अवधि में चयनित अभ्यर्थी ने कार्यभार नहीं ग्रहण किया है तो उसे उसका अभ्यर्थन निरस्त करने की सूचना दी जाए। वहीं खाली पदों को भरने के लिए निचली मेरिट वाले अभ्यर्थियों को मौका देते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किये जाएं। सभी बीएसए को यह भी निर्देश दिये गए कि यदि उन्होंने किसी तिथि को नियुक्ति पत्र जारी किये तो उससे एक हफ्ते की अवधि में चयनित अभ्यर्थी कभी भी आयें, वे उन्हें नियुक्ति पत्र देने से मना न करें। उन्हें यह भी निर्देश दिये गए हैं कि वेबसाइट पर जारी टीईटी-2011 के रिजल्ट से अभ्यर्थियों के टीईटी अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का जरूर मिलान करें।
सरकार दाखिल करेगी प्रति शपथपत्र : प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में पहली, दूसरी और तीसरी काउंसिलिंग में शामिल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश पर सरकार प्रति शपथपत्र दाखिल कर अपना पक्ष रखेगी।
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