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Wednesday, 21 January 2015

उर्दू शिक्षकों की कमी से शिक्षण कार्य प्रभावित

जागरण संवाददाता, एटा: टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण उर्दू शिक्षण डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों की पंजाबपुरा में बैठक हुई। जिसमें प्रदेश में रिक्त चल रहे उर्दू शिक्षकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने को मुख्यमंत्री से मिलने की रूपरेखा बनाई।

बैठक में बोलते हुए उर्दू वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएम नुसैर अली ने कहा कि उर्दू भाषा लंबे समय से देश के कामकाज की भाषा रही है। ऐसी अवस्था में प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों के चलते बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।

महासचिव हरीशंकर ने कहा कि पदों के रिक्त होने के बावजूद नियुक्ति न होना संविधान द्वारा प्रदत्त बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। बैठक में हाफिज मुअज्जम अली ने प्रदेश सरकार की नीतियों पर कटाक्ष किया।

बैठक में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने के लिए 8 फरवरी को मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय लिया गया। अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएम नुसैर अली ने की तथा संचालन शबनम परवीन ने किया।

इस अवसर पर शकील अहमद, चांद मियां, रानी, सुरइया अंदलीव, आसिफ अली, अफसार अहमद, जीसुखराम, राजेंद्र, जावेद, मुहम्मद तारिक, दयाशंकर, राजकुमार, नूरहसन, शौकत अली समेत काफी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद थे

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