Total Pageviews

Wednesday, 21 January 2015

गायब फार्म वाले भी देंगे परीक्षा: टीजीटी में शामिल कराने का हाईकोर्ट का निर्देश

बैठक में तय करेगा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड
राज्य ब्यूरो : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा में उन अभ्यर्थियों को भी बैठने की अनुमति मिलेगी, जिनके आवेदन गायब हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ऐसे 19 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल कराने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर अभ्यर्थियों का कहना है कि बड़ी संख्या में छात्रों के आवेदन पत्र गायब हैं। उन सभी की बुधवार को बैठक बुलाई गई है। टीजीटी के अभ्यर्थियों का आवेदनपत्र कुछ दिनों पहले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था।
कई अभ्यर्थियों ने इस बात की शिकायत की थी कि उनके डाटा अपलोड नहीं है। बोर्ड इसकी जिम्मेदारी लेने से कतरा रहा था। अंतत: अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली। शैलेंद्र सिंह व 18 अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने सुनवाई की। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को निर्देश दिया है कि 21 जनवरी तक याचियों को परीक्षा में शामिल कराने के लिए प्रवेश पत्र जारी किए जाएं।
23 जनवरी को इस मामले की सुनवाई फिर होगी। इन अभ्यर्थियों में शामिल अजय सिंह और दीपांकर वर्मा ने बताया कि याचियों के अलावा भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र अपलोड नहीं हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की बुधवार को 11 बजे चंद्रशेखर आजाद पार्क में बैठक बुलाई गई है।
इसमें उनके लिए आगे की रणनीति तय की जाएगी। दूसरी ओर बोर्ड के सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति संबंधित एजेंसी को सौंपी गई है। कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन 19 छात्रों ने याचिका दखिल की है, उनमें से चार के आवेदन-पत्र ढूंढ़ लिए गए हैं। शेष के संबंध में बोर्ड तय करेगा कि क्या रास्ता निकाला जाए।

No comments:

Post a Comment

Please do not use abusive language to comment. It can hurt anybody or any authority. You can use moderated way to express your opinion/anger. Express your views intelligently, So that others can take it seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।