Total Pageviews

Friday, 6 February 2015

शिक्षा मित्रों को समायोजन का अभी करना होगा इंतजार

अमर उजाला,लखनऊ। दूसरे चरण में शिक्षक बनने के लिए शिक्षा मित्रों को अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। शासन में हुई बृहस्पतिवार को बैठक में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने बताया कि जिलेवार रिक्त पदों और दूसरे चरण में प्रशिक्षण पाने वाले शिक्षा मित्रों का ब्योरा भेजने में उन्हें चार से पांच दिन का समय चाहिए। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने कहा है कि परिषद से पूरा ब्योरा मिलने के बाद ही दूसरे चरण में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

राज्य सरकार प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने का निर्णय किया। इसके आधार पर पहले चरण में 60,000, दूसरे चरण में 64,000 और तीसरे चरण में 46,000 शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिए जाने का कार्यक्रम रखा गया। पहले चरण में प्रशिक्षण पाने के बाद 58,826 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है। दूसरे चरण में 64,000 के स्थान पर 91,200 शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें से 69,739 पास हुए हैं और 19,766 का परिणाम अपूर्ण रहा। इसके अलावा 913 फेल, 26 नकल करते हुए पकड़े गए और 756 के फार्म निरस्त किए गए।
इसके आधार पर सचिव परिषद संजय सिन्हा ने दूसरे चरण के शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने का कार्यक्रम शासन को भेजा था।
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बृहस्पतिवार को हुई बैठक में परिषद सचिव को निर्देश दिया कि दूसरे चरण में किस जिले में कितने शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया और कितने पास हुए तथा सहायक अध्यापक के कहां कितने पद रिक्त हैं। पहले इसे उपलब्ध करा दिया जाए इसके आधार पर समायोजन संबंधी कार्यक्रम का शासनादेश जारी किया जाएगा। जिलेवार सहायक अध्यापकों की मांगी गई रिक्तियां। सचिव परिषद ने चार से पांच दिन का मांगा समय.

No comments:

Post a Comment

Please do not use abusive language to comment. It can hurt anybody or any authority. You can use moderated way to express your opinion/anger. Express your views intelligently, So that others can take it seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।