सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजित हुए शिक्षामित्रों के वेतन का भुगतान बगैर प्रमाणपत्रों के सत्यापन के हो सकेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे शिक्षामित्रों से सभी प्रमाणपत्रों के सही होने का शपथपत्र लेकर उनके वेतन का भुगतान किया जाएगा। इस फैसले से लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को पिछले 5 महीने से रुका हुआ वेतन मिल सकेगा। सत्यापन चलता रहेगा: प्रमाणपत्रों का सत्यापन बाद में किया जाएगा लेकिन वेतन मिलना शुरू हो जाएगा।
शिक्षामित्रों से हलफनामा लेकर वेतन देने का निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोबिंद चौधरी ने शिक्षामित्रों के पहले बैच में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों के अब तक सत्यापन न होने पर नाराजगी जतायी और निर्देश दिया है कि शपथ पत्र लेकर वेतन भुगतान की कार्रवाई पूरी करायी जाए।
उल्लेखनीय है कि पहले बैच में 59 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापद पद पर समायोजन किया गया है, लेकिन अभी तक सभी को वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। कुछ जिलों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने वेतन भुगतान करा दिया है, लेकिन ज्यादातर जिलों में अब तक वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है।
बेसिक शिक्षा मंत्री श्री चौधरी के समक्ष कई बार शिक्षामित्रों के संगठनों ने इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद विभागीय मंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव हीरा लाल गुप्ता, विशेष सचिव, निदेशक दिनेश बाबू शर्मा, परिषद के सचिव संजय सिन्हा सहित अन्य अफसरों के साथ बैठक की और कहा कि शिक्षामित्रों से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त शिक्षकों से एक हलफनामा लेकर तनख्वाह जारी की जाए। इसमें उन्हें प्रस्तुत अभिलेशों के वास्तवित व सही होने का शपथपत्र देना होगा, ताकि वेतन भुगतान में दिक्कत न आ सके और सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान कोई गलती पायी जाए, तो उसके लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दूरस्थ बीटीसी का दूसरा बैच भी प्रशिक्षण पूरा कर समायोजन के इंतजार में है।
इनके समायोजन के लिए प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होगी। इसमें सभी को मार्च तक सहायक अध्यापकों के पदो पर समायोजित कर दिया जाएगा। शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के मार्च तक ले जाने के विरोध में एक संगठन ने 20 जनवरी को पूरे प्रदेश में विरोध का एलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र-शिक्षक कल्याण समिति ने जनवरी में ही समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि पहले बैच के शिक्षामित्रों को 6 अगस्त तक सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित कर दिया गया था, लेकिन उनकी तनख्वाह अभी तक लटकी है और दूसरे बैच के शिक्षामित्रों को समायोजन का इंतजार है।
उल्लेखनीय है कि पहले बैच में 59 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापद पद पर समायोजन किया गया है, लेकिन अभी तक सभी को वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। कुछ जिलों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने वेतन भुगतान करा दिया है, लेकिन ज्यादातर जिलों में अब तक वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है।
बेसिक शिक्षा मंत्री श्री चौधरी के समक्ष कई बार शिक्षामित्रों के संगठनों ने इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद विभागीय मंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव हीरा लाल गुप्ता, विशेष सचिव, निदेशक दिनेश बाबू शर्मा, परिषद के सचिव संजय सिन्हा सहित अन्य अफसरों के साथ बैठक की और कहा कि शिक्षामित्रों से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त शिक्षकों से एक हलफनामा लेकर तनख्वाह जारी की जाए। इसमें उन्हें प्रस्तुत अभिलेशों के वास्तवित व सही होने का शपथपत्र देना होगा, ताकि वेतन भुगतान में दिक्कत न आ सके और सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान कोई गलती पायी जाए, तो उसके लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दूरस्थ बीटीसी का दूसरा बैच भी प्रशिक्षण पूरा कर समायोजन के इंतजार में है।
इनके समायोजन के लिए प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होगी। इसमें सभी को मार्च तक सहायक अध्यापकों के पदो पर समायोजित कर दिया जाएगा। शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के मार्च तक ले जाने के विरोध में एक संगठन ने 20 जनवरी को पूरे प्रदेश में विरोध का एलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र-शिक्षक कल्याण समिति ने जनवरी में ही समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि पहले बैच के शिक्षामित्रों को 6 अगस्त तक सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित कर दिया गया था, लेकिन उनकी तनख्वाह अभी तक लटकी है और दूसरे बैच के शिक्षामित्रों को समायोजन का इंतजार है।
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