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Sunday, 4 January 2015

सरकार के शासनादेश के खिलाफ 72825 प्रशिक्षु अभ्यर्थियों ने भरी हुंकार।

जागरण: गौरतलब है की पिछले साल 17 दिसम्बर 14 को सर्वोच्च न्यायलय द्वारा पारित अंतरिम आदेश के अनुपालन में बरती जा रही ढिलाई से नाराज़ होकर कुछ अभार्थियों में राज्य सरकार के प्रति रोष है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट के अनुपालन में सुचारु रूप से क्रियान्वन
में हो रही देरी और गलत तरीके से सुप्रीम कोर्ट के आर्डर की व्याख्या को लेकर प्रशिक्षु शिक्षक स्तब्ध हैं। राज्य सरकार को सही तरीके से अनुपालन कराने हेतु कई बार ये अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा बिभाग का ताला खट खटायें है पर आश्वासन के अलावा हाथ मलते रह गयें। अब ऐसे में एक बार फ़िर इन प्रशिक्षुओं की निगाहें हाई कोर्ट में कोर्ट खुलने के बाद अवमानना का केस दायर करने के लिये कृतसंकल्प हैं। हलाँकि राज्य सरकार के उच्च स्तरीय शिक्षा बिभाग अभी भी कुछ भी स्पष्ट बोलने से कतरा रहे हैं। ऐसे में इस बात से कतई गुरेज नहीं किया जा सकता है की एक बार फ़िर 72825 प्रशिक्षुओं की भर्ती में पेंच नहीं है। बार बार सर्वोच्च न्यायलय के हस्तक्षेप के बाद भी इस्थती जस की तस रही। अभार्थियों ने राज्य सरकार को चेताया है की अगर भर्ती समय से नहीं पूरा हुआ तो अगले बार विधान सभा चुनाव में समाजवादी सरकार को मुहँ की हार खाने के लिये तैयार रहे।

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