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Saturday, 10 January 2015

हाई मेरिट वाले बिगाड़ेंगे 'गणित'

गोंडा : प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में चौथे दौर की काउंसि¨लग के पहले दिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में अभ्यर्थियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पहले दिन आठ हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने काउंसि¨लग कराई। इस दौरान डायट परिसर में अफरातफरी का माहौल रहा। जिले में चार हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए तीन चरणों की काउंसि¨लग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शुक्रवार से चौथी काउंसि¨लग शुरू हुई। पहले तीन दिन पुरुष वर्ग की काउंसि¨लग होनी है। इसमें 105 मेरिट वाले सामान्य अभ्यर्थी तथा 97 मेरिट वाले आरक्षित अभ्यर्थियों को हिस्सा लेना था।

शुक्रवार को पहले दिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में अभ्यर्थियों का रेला उमड़ पड़ा। छह बजे के करीब ही गेट के पास हजारों अभ्यर्थी जुट चुके थे। पहले दिन वैसे तो काउंसि¨लग के लिए 14 काउंटर बनाए गए थे, मगर भारी संख्या में आए अभ्यर्थियों को देखकर डायट प्रशासन को अपनी रणनीति बदलने पर बाध्य होना पड़ा।
प्राचार्य मनोहर लाल ने तीन काउंटर और बढ़वाए। ठीक 10 बजे काउंसि¨लग प्रक्रिया शुरू हो गई। काउंटरों पर दिन भर लंबी कतारें लगी रहीं। इसकी एक वजह यह भी थी कि अभ्यर्थियों ने कई जिलों में काउंसि¨लग कराई। डायट से जुड़े सूत्रों की मानें शाम छह बजे तक करीब आठ हजार अभ्यर्थियों ने काउंसि¨लग करा ली थी।
जानकारों की मानें तो काउंसि¨लग में हाई मेरिट वाले अभ्यर्थी निचले पायदान वालों की गणित बिगाड़ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर तीसरी काउंसि¨लग में निचले पायदान पर रहने वाले अभ्यर्थी के सापेक्ष यदि हाई मेरिट वाला कोई दूसरा अभ्यर्थी आ जाता है, तो उसकी सीट रिप्लेस हो सकती है। इसी को लेकर अभ्यर्थी कई जिलों में काउंसि¨लग कराने के लिए भागदौड़ करते रहे।
सर्दी ने सतायाकई जिलों से आए अभ्यर्थियों को डायट परिसर में ठंड से भी मोर्चा लेना पड़ा। डायट परिसर में अलाव का इंतजाम न होने की वजह से उन्हें प्रपत्र भरने में भी मुश्किलें आईं। यही नहीं, अभ्यर्थियों के सहयोगी भी ठिठुरते रहे।इनसेट

अभ्यर्थियों के मन में उहापोह की स्थित बरकरार
शुक्रवार को शुरू हुई चौथी काउंसि¨लग के पहले दिन कई अभ्यर्थियों के मन में चयन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। मिर्जापुर से आई शालिनी का कहना था कि वह तीसरी काउंसि¨लग में शामिल हो चुकी है। मेरिट में नाम होने के बावजूद कट आफ मेरिट में उसका नाम नहीं है। उसने पहले सोचा था कि आज महिलाओं की काउंसि¨लग है, मगर यहां आकर उसे पता चला कि आज पुरुषों की काउंसि¨लग होनी है। ऐसे ही सीतापुर से आए मधुसूदन का कहना था कि इससे पहले उन्होंने सीतापुर में भी काउंसि¨लग कराई जहां उनका नाम पहले मेरिट में दिख रहा था। पर अब न होने की स्थित में वह काउंसि¨लग कराने यहां आए हैं। उनके अलावा ऐसे दर्जनों अभ्यर्थियों के मन में यह सवाल उमड़ घुमड़ रहे थे।

एक रुपये का फार्म एक सौ में
काउंसि¨लग के दौरान जमा करने वाला अनुबंध पत्र डायट में न होने के चलते काउंसि¨लग कराने आए अभ्यर्थियों को बाहर से महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा था। काउंसिलग कराने आए देवरिया जिले के जय प्रकाश का कहना था कि काउंसिलग के दौरान दो अनुबंध पत्र जमा करने पड़ते हैं। यह प्रपत्र अभ्यर्थियों को डायट प्रशासन द्वारा मुहैया कराने चाहिए थे। यहां तो एक प्रपत्र सौ रुपये के मूल्य पर खरीदकर जमा करना पड़ रहा है। ऐसे ही कई अभ्यर्थियों ने डायट प्रशासन की इस अव्यवस्था पर नाराजगी जतायी।

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